अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
******************************************
लो आ गए हैं सिया के राम।
आ गए हैं राधा के श्याम॥
बरसों की तपस्या का फल है मिला,
अवध में हर चेहरा है आज खिला।
आने से प्रभु के हुआ हर्षित हर धाम,
लो आ गए हैं सिया के राम…॥
राम का नाम जीवन को तारे,
है राम ही सब संकट से निकारे।
हम भक्तों के लिए बस यही धाम,
लो आ गए हैं सिया के राम…॥
राम ना हो तो कैसे जिएंगे,
बिन राम संकट कैसे मिटेंगे ?
हूँ हर्षित कि बनें बिगड़े काम,
लो आ गए हैं सिया के राम…॥