कुल पृष्ठ दर्शन : 190

You are currently viewing जय गणतंत्र

जय गणतंत्र

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
************************************************

स्वतंत्र देश और हमारी जिम्मेदारी…

जय हो जय गणतंत्र की,
जय हो भारत वर्ष।
सतत् प्रगति की राह पर,
मिले नया उत्कर्ष॥

नया सृजन गढ़ते रहें,
नया-नया परिवेश।
विश्व गगन पर सूर्य सा,
चमके मेरा देश॥
खुशियों का मेला रहे,
हर मानव में हर्ष।
जय हो जय गणतंत्र की,
जय हो भारत वर्ष॥

कभी भूल पाएँ नहीं,
वीरों का बलिदान।
देश धर्म उपकार का,
गाएँ हरदम गान॥
महक उठे खुशबू मधुर,
पायें चरमोत्कर्ष।
जय हो जय गणतंत्र की,
जय हो भारत वर्ष॥

शस्य श्यामला देश यह,
ध्वजा तिरंगा शान।
इसके चरणों में सदा,
हो जाऊँ बलिदान॥
आओ नमन करें इस भू को,
करें नया संघर्ष।
करें प्रतिज्ञा आज हम,
जय हो भारत वर्ष॥

परिचय- बोधन राम निषादराज की जन्म तारीख १५ फरवरी १९७३ और स्थान खम्हरिया (जिला-बेमेतरा) है। एम.कॉम. तक शिक्षित होकर सम्प्रति से शास. उ.मा.वि. (सिंघनगढ़, छग) में व्याख्याता हैं। आपको स्व.फणीश्वर नाथ रेणू सम्मान (२०१८), सिमगा द्वारा सम्मान पत्र (२०१८), साहित्य तुलसी सम्मान (२०१८), कृति सारस्वत सम्मान (२०१८), हिंदीभाषा डॉट कॉम (म.प्र.) एवं राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (२०१९) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। प्रकाशित पुस्तकों के रूप में आपके खाते में हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘यार तेरी क़सम’ (२०१९), ‘मोर छत्तीसगढ़ के माटी’ सहित छत्तीसगढ़ी भजन संग्रह ‘भक्ति के मारग’ ,छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह ‘अमृतध्वनि’ (२०२१) एवं छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह ‘मया के फूल’ आदि है। वर्तमान में श्री निषादराज का बसेरा जिला-कबीरधाम के सहसपुर लोहारा में है।