आजाद वतन भारत

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* आजाद भारत की उड़ान…. आजाद वतन भारत की उड़ान सुनहरी है।इसकी संस्कृति जग में सम्मान से उभरी है। सम्मान तिरंगे का, देवों सा हुआ करता,भगवान इसे मानें, भक्तों का नमन सजता।इससे जो बगावत हो, दुश्मन बन ठहरी है,हर एक वतनवासी, परचम का प्रहरी है॥आजाद वतन भारत… संस्कारों की धरती, माता … Read more

आज़ादी का परचम

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ आजाद भारत की उड़ान… आओ इस बार दिखा दें दम,खुद चन्द्रयान में उड़ कर हम।अब अन्तरिक्ष में फहरायें,अपनी आज़ादी का परचम॥ वर्षों के तप से आँख खुली,लहरों में अजब मिठास घुलीहम जाग उठे मन एक हुये,मानस की कालख आप धुली।आतंक मिटे निशंक हुये,अब नहीं चलेंगे गोला-बम॥आओ इस बार दिखा दें दम… देखो आया … Read more

घन सावन के

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पावन सावन-मन का आँगन… घनश्याम हुआ अम्बर सारा, झूमी धरती राधा बनके।चारों दिशि केवल प्यार दिखे, ऐसे छाये घन सावन के॥ बिजली चमके बादल गरजे,पानी बरसे चातक तरसेहरियाली रूप गर्विता-सी,धरती के आँचल में सरसे।नाचें मयूर, गायें दादुर, क्या साज सजे वन उपवन के॥घनश्याम हुआ अम्बर सारा… सर ताल भरें नद नाल बढ़ें,लहरें तट … Read more

मन मेरा पावस बिखराता

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सावन की रिमझिम बदली-सा मन मेरा पावस बिखराता।कभी घटा घनघोर, कभी यह मन मयूर जैसा हो जाता॥ जब चाहत अगँड़ाई लेती, बंधन को यह नहीं मानता,लहरों के हर आमंत्रण को, दिल साहिल का प्यार जानता।मुखरित होकर फिर मधुमासी, मन पलाश खिलता मुस्काता,सावन की रिमझिम…॥ बनी हुई क्यों सीमाएं, सहमी-सहमी दिशा-दिशाएं,नेह निमंत्रण की … Read more

नारी का घटता आँचल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी का घटता आँचल तो, है दु:खभरी कहानी।नारी का अब देख रवैया, है आँखों में पानी॥ शील, सत्व को धारण करके, नारी ने दिखलाया,संस्कारों की गरिमा लेकर, नित निज मान बढ़ाया।नारी ने अनुशासन माना, स्वर्णिम सदा जवानी,नारी का घटता आँचल तो, है दु:खभरी कहानी…॥ फैशन की आँधी में फँसकर, नारी है … Read more

शिव अविनाशी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शिव अविनाशी घर-घर वासी, सब देवों में देवेश्वर है।महाकाल विकराल सदाशिव, लिंगराज हर भुवनेश्वर है॥ सोमनाथ विश्वेश महेश्वर महादेव शिव नागेश्वर है,भीमाशंकर चिता भूमि शिव बर्फानी शिव रामेश्वर है।अमलेश्वर ओंकार त्रिलोचन, डमरूधर शिव नंदीश्वर है,चंद्रमौलि गौरीश उमेश्वर, बम-बम भोले शिवशंकर है।शिव अविनाशी घर…॥ महादेव योगेश्वर शंकर, जटाजूट शिव प्रलयंकर … Read more

हर-हर महादेव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आदिपुरुष तुम, पूरणकर्ता, शिव, शंकर, महादेव।नंदीश्वर तुम, एकलिंग तुम, हो देवों के देव॥ तुम फलदायी, सबके स्वामी, तुम हो दयानिधान,जीवन महके हर पल मेरा, दो ऐसा वरदान।कष्ट निवारण सबके करते, तुम हो श्री गौरीश,देते हो भक्तों को हरदम, तुम तो नित आशीष।कार्तिके़य,गजानन आये,बनकर पुत्र तुम्हारे,संतों,देवों ने सुख पाया, भक्त करें जयकारे॥ … Read more

झड़ी लगी ज्यों सावन की

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** पावन सावन-मन का आंगन… नीर नयन से बहते मेरे, झड़ी लगी ज्यों सावन की।ऐसा लगता है प्रिय मुझको, बीते घड़ी सुहावन की॥ प्रियतम अब तो आ भी जाओ, दिल में है अरमान भरे,क्यों तुझको ये समझ न आए, रहते हो क्यों सदा परे।हृदय भाव को समझो प्रियतम, प्रियसी मैं मनभावन की,नीर नयन … Read more

धूम मचाती वर्षा ऋतु

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धूम मचाती जल बरसाती, वर्षा रानी आई।आज मगन मन वृक्ष ले रहे, झूम-झूम अँगड़ाई॥ वसुधा की सब प्यास बुझ गई, हुआ आज मन हर्षित,मौसम में खुशियों की हलचल, पोर-पोर है पुलकित।हरियाली की बजी आज तो, मीठी-सी शहनाई,आज मगन मन वृक्ष ले रहे,झूम-झूम अँगड़ाई…॥ मेघों की तो दौड़-भाग है, मोरों का है … Read more

विद्यार्थी जीवन

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** परम शुभम विद्यार्थी जीवन, बच्चे सबको भाते हैं।निश्छल बचपन पावन मंदिर, ईश्वर वो कहलाते हैं॥ कच्ची मिट्टी-सा हिय सबका, जैसा मन चाहे ढालें,ज्ञान ध्यान संस्कार श्रेष्ठ से, शुभ उनका हृदय बना लें।अंतर्मन से सच्चे होते, गीत खुशी के गाते हैं,परम शुभम विद्यार्थी जीवन…॥ शिक्षा का पथ प्रथम चरण है, सीख धरें बच्चे … Read more