जिनके चरणों की छाया में…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ जीना जैसे पिता... जिनके चरणों की छाया में,बचपन का सुख पाया है।हाथ पकड़ कर जिसने हमको,चलना खूब सिखाया है॥ जिनके दम पर हमने ही तो,हर…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ जीना जैसे पिता... जिनके चरणों की छाया में,बचपन का सुख पाया है।हाथ पकड़ कर जिसने हमको,चलना खूब सिखाया है॥ जिनके दम पर हमने ही तो,हर…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** भूचालों की बुनियादों पर, बना रखा है घर।स्वप्न सलोने बुनती हूँ मैं, आशा है सुंदर॥ अंजानों से रिश्ते कहते, सभी पराये हैं,पर अपने निज रिश्ते माने, काम…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रहे अमर श्रंगार नित्य ही, माथे का सिंदूर।जिसमें रौनक बसी हुई है, जीवन का है नूर॥ जोड़ा लाल सुहाता कितना,बेंदी, टिकुली ख़ूब।शोभा बढ़ जाती नारी की,हर…
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** संग चले नित झूठ दिखावा, मिथ्या नाम है।है घनिष्ठ निज छल से नाता, छलना काम है॥ भ्रमित जाल फैलाये रखती, ऐसी भावना,मनुज हृदय पर देती झूठी, मंगल…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कलम बने तलवार, तभी तो बात बनेगी।काटे अत्याचार, तभी सौगात बनेगी॥ कलम वही जो झूठ, कपट पर नित हो भारी,कलम वही जो, मत रखती हो, कोई…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* नाशवान है ये जग सारा,फिर भी नहीं मानता मन है।जो आया है वो जाएगा,चंद दिनों का ये जीवन है॥ हम सब मानव कठपुतली हैं,उसके हाथ हमारी…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* ज़िन्दगी की गुजर, एक प्यारा सफ़र,पल गमों में अगर, कट सके प्रेम से।उम्रभर की डगर, हर कदम बेखबर,वक्त अंजान पर, सज सके प्रेम से।ज़िन्दगी की…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मैं नारी हूँ इस दुनिया की,जो बेटी बनकर आती हूँ।बनती हूँ मैं ही माॅं सबकी,नवजीवन जग में लाती हूँ॥मैं नारी हूँ… बेटी से पत्नी मै…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* वो जज़्बातों की गहराई, दिखाने को कहा करते।मगर दिल ही नहीं दिखता, न पैमाने हुआ करते॥ किसी दिल में सजा क्या कौन, ये बातें भला…
डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)************************************************* माँ गंगा की महिमा अनुपम,ग्रंथों में पाई जाती है।प्रभु विष्णु के चरणों से,निस्सृत हो भू पर आती है॥ स्नान जो गंगा में करते,वे पाप से…