बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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आजाद भारत की उड़ान….
स्वतंत्रता की पावन बेला,
ध्वज का हम गुणगान करें।
आओ मिलकर खुशी मनाएँ,
जन-गण का सम्मान करें॥
आजादी की ध्वजा निशानी,
कभी न झुकने दे पाएँ।
तन-मन से हम करें सुरक्षा,
बंजर धरती सिरजाएँ।
भारत माँ की लाज बचाने,
खुद का खुद बलिदान करें॥
आओ मिलकर खुशी मनाएँ,…
‘अमृत महोत्सव’ चलो मनाएँ,
नौजवान आगे आओ।
अपनी धरती माँ का वंदन,
शत्-शत् शीश झुका गाओ।
आसमान पर अमर तिरंगा,
इस पर हम अभिमान करें॥
आओ मिलकर खुशी मनाएँ,…
वीरों की कुर्बानी को हम,
आज सभी मिल याद करें।
कर्णधार आजादी का ये,
हर युग जिंदाबाद करें।
जिसने खेलें खूँ से होली,
उनका कुछ पल ध्यान करें॥
आओ मिलकर खुशी मनाएँ,…
परिचय- बोधन राम निषादराज की जन्म तारीख १५ फरवरी १९७३ और स्थान खम्हरिया (जिला-बेमेतरा) है। एम.कॉम. तक शिक्षित होकर सम्प्रति से शास. उ.मा.वि. (सिंघनगढ़, छग) में व्याख्याता हैं। आपको स्व.फणीश्वर नाथ रेणू सम्मान (२०१८), सिमगा द्वारा सम्मान पत्र (२०१८), साहित्य तुलसी सम्मान (२०१८), कृति सारस्वत सम्मान (२०१८), हिंदीभाषा डॉट कॉम (म.प्र.) एवं राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (२०१९) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। प्रकाशित पुस्तकों के रूप में आपके खाते में हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘यार तेरी क़सम’ (२०१९), ‘मोर छत्तीसगढ़ के माटी’ सहित छत्तीसगढ़ी भजन संग्रह ‘भक्ति के मारग’ ,छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह ‘अमृतध्वनि’ (२०२१) एवं छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह ‘मया के फूल’ आदि है। वर्तमान में श्री निषादराज का बसेरा जिला-कबीरधाम के सहसपुर लोहारा में है।