सच पूछो तनहाई है

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** दिल-दिमाग में जबसे दौलत,कूट-कूट कर छायी है।भीड़ भले ही आसपास है,सच पूछो तनहाई है॥ प्रतिस्पर्धा ये रेगिस्तानी,दौलत की मृगमरीचिका।तपते रिश्ते सूख रहे हैं,पता नहीं है पानी का॥प्रतिस्पर्धा…

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मोहित स्वयं है विराग

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ जागा री सखि अनुराग।जीवन की नदिया सींचे बह-बह के,यौवन की बगिया सावन-सी लहके।सपनों की कलियों के चिटके वदन से-फूटा सुनहला पराग। अँखियों की कोर आज झांके मन पपिया,ढूंढे…

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मीरा थी बस श्याम दिवानी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* गीतों में मीरा का गायन,वंदन-अभिनंदन है।मीरा थी बस श्याम-दिवानी,जिसका अभिवंदन है॥ धारण कर बैरागी चोला,मंदिर किया बसेराबनकर के बैरागिन जिसने,पाया धवल सबेरा।लगा हुआजिसके माथे पर,अहसासों…

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जीवन की बन गई कहानी

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ गीत बनाने बैठी थी पर,जीवन की बन गई कहानी।नीरव गगन गुंजाना था रे,अभिनव किसी गीत के स्वर सेलाना था बसन्त पृथ्वी पर,नवल कल्पनाओं के घर से।कुहू- कुहू कर…

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मंजिल से निज भटक रहा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* लोभ मोह के भँवर में फँसा,सत्य कर्म पर अटक रहा।असंमजस में उलझा मानव,मंजिल से निज भटक रहा॥ अनाचार के बुरे कृत्य को,मूक देख चुपचाप खड़ा,श्रेष्ठ कर्म…

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सुहानी भोर किरणों से…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** सुहानी भोर किरणों से,नया इक दिन हुआ रौशन।खिलीं कलियां बिछीं बूंदें,दिखें मोती सी ये बन-बन॥ अंधेरा रात भर का था,उजाला देखकर भागा,गईंं नींदें,खुली आँखें,पहर…

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फिरता मैं मारा-मारा

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)*************************************** पैसे की खातिर मंचों पर,क्यों फिरता मैं मारा-मारा।सब नोट धरे रह जाएंगे,जिस दिन फूटेगा घट प्यारा॥ मैं शहर-शहर में घूम रहा,फिर भी मेरा मन खाली है,ये…

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यादों का झ़रोखा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ख़्वाबों में थिरकते ये साये मजबूर करें जीने के लिये।ज़िन्दा हूँ फ़कत तेरी खातिर फिर से न तुम्हें खोने के लिये॥ कैसे मैं भुला सकता हूँ…

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दीप जलाना होगा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष …… उजियारा जो दूर हो गया,आज बुलाना होगा।अँधियारे को मत कोसो तुम,दीप जलाना होगा॥ मातम की बुनियादें गहरी,सच पर तो अब…

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कुछ ऐसी हो जाए दीवाली…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** मन का कोना साफ करें हम,मन से सबको माफ़ करें हमलटके जो अहंकार के जाले,जड़ से उनका नाश करें हम।यूँ बनी रहे मुखड़े की लाली,कुछ…

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