अनमोल प्रण बन गए

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ रात भर जो उबलते दृगों में रहे,प्रात होते ही क्यों ओस कण बन गये। खौलते नीर की तो व्यथा है यही,न गगन ही मिले न मिले ये महीधूम्र बन-बन के उड़़ता रहे वायु में,न मिले पंथ कोई दिशा में सही।पर मिले जो ठिकाना तो औषधि बने,न मिले कोई मंजिल तो ब्रण बन गये। … Read more

अब हिंद के जवान जाग रे

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ******************************************* तुझे पुकारती मातु भारती,अब हिंद के जवान जाग रे।ध्वजा तिरंगा बनो सारथी,गाओ राष्ट्र गीत शुभ राग रे॥ अरिमर्दन कर पाक चीन की,करो भारत माँ अनुराग रे।करो नमन उन हर बलिदानी,जो सीमान्त खड़े सहभाग रे। शीताकुल ग्रीष्मातप भीगी,निशिदिन काया बरसात रे।तजा मोह परिवार कुटुम्बी,खातिर राष्ट्र सकल जज़्बात रे। आन बान … Read more

कवि की कामना

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)*************************************** संबंधी या मित्र मंडली यह दायित्व निभाना होगा।प्राण पखेरू उड़ जायें जब अच्छी तरह विदा कर देना॥ सेवा खूब करी अपनों की जब तक साँसें रही देह में,जीवनभर ही करी चाकरी खूब लुटाया माल नेह में।तोते का संदेसा मिलकर मैना को समझाना होगा,जीवन शेष चैन से जीना उसको नहीं जुदा कर … Read more

सुहाना सफर

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** अगर साथ हो तुम सफर है सुहाना।हो पास जब तक सफर है सुहाना॥ पतझड़ नहीं है बहारों का मौसम,अंधेरों में जगमग सितारों का मौसम।मुहब्बत का गायेंगे मिल कर तराना,अगर साथ हो तुम सफर है सुहाना…॥ हर दिन ही होगी दिवाली औ होली,सुनूँगा तेरी प्यारी प्यारी-सी बोली।चलेगा नहीं कोई भी तब बहाना,अगर … Read more

आजादी का अमृत संदेश

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* ७५ बरस की आजादी का अमृत और हम सपर्धा विशेष…. पथिक बनें शुभ सत्य राह का,बोलें नित शुभ बोल।भारत माता के चरणों में,कर्म करें अनमोल॥ दीन-दुखी की सेवा करना, ‘नेक’ बने यह ध्येय,कर्म निभाकर आप बनें नित,सुंदर शुभ उपमेय।कटुता मन में नहीं समाये,बात करें नित तोल,भारत माता के चरणों में,कर्म करें … Read more

जन-जन हिंदू हैं…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** माँ की पदरज सदा माथ का,पावन टीका बनती है।जिसकी धरती राम-श्याम ही,युगों-युगों से जनती है॥जहाँ देव भिलनी के फल से,तोषित जीवन पाते हैं।मनुज शान्ति को पाने जिसकी,भू पर माथ टिकाते हैं॥ जिसके पग को धोकर हर्षित,गर्वित होता सिंधू है।पावन भू पर रहने वाला,मानव-मानव हिंदू है॥ उठी तरंगों से जिसका उर,नीरनिधि बाँध लेता … Read more

पुण्य पथ का भाव

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कर्म ऐसा आप करते नित चलें।पुण्य पथ का भाव अंतर नित ढलें॥ बोलिए शुभ बोल भाषा नेक हो,हम मनुज के भाव निर्मल एक हो।द्वेष-छल को त्यागकर समता पले,कर्म ऐसा आप करते नित चलें…॥ सत्य पथ की राह पर चल सर्वदा,काम आता सत्य का पथ ही सदा।बैर टूटे दूर होवे फासले,कर्म ऐसा … Read more

दूजा गाल नहीं देंगे…

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** भाल झुकाकर सजी हुई नित,अब हम थाल नहीं देंगे।एक गाल पर थप्पड़ खाकर,दूजा गाल नहीं देंगे॥ सहनशील हो बहुत सहा है,गाली देते आये हो।ऐसे आग लगाते हो तुम,जैसे कोई पराये हो॥भारत माँ को माँ मानो अब,फोकट माल नहीं देंगे।एक गाल पर थप्पड़ खाकर,दूजा गाल नहीं देंगे…॥ बालक-बालक चेत गया है,शिवा बसाया अब … Read more

फौज़ी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* ऐे सैनिक,फौज़ी,जवान,है तेरा नितअभिनंदन।अमन-चैन का तू पैगम्बर,तेरा है अभिवंदन॥ गर्मी,जाड़े,बारिश में भी,तू सच्चा सेनानी,अपनी माटी की रक्षा को,तेरी अमर जवानी।तेरी देशभक्ति लखकर के,माथे तेरे चंदन,अमन-चैन का तू पैगम्बर,तेरा है अभिवंदन…॥ आँधी-तूफाँ खाते हैं भय,हरदम माथ झुकाते,रिपु तो तुझको देख सिहरता,घुसपैठी थर्राते।सीमाओं का प्रहरी तू तो,वीर शिवा का नंदन,अमन-चैन का तू … Read more

शब्द का सौंदर्य

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)*************************************** शब्द के सौंदर्य को जग में सजाकर ही रहूँगा।छंद की कारीगरी को आजमा कर ही रहूँगा॥ मुक्त कविता के समय में गा रहा हूँ शब्द लय में,मुक्त तो ग्रह भी नहीं हैं व्योम गंगा के निलय में।ज्ञान पिंगल का जमाने को बताकर ही रहूँगा,छंद सौंदर्य को जग में सजाकर ही रहूंगा…॥ … Read more