जिस दिन अंतःतमस मिटेगा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जिस दिन अंत:तमस मिटेगा,समझो सच्ची दीवाली।मानवता का भाव जगेगा,हृदय नहीं होगा खाली॥ दीन-दुखी की सेवा करते,समझो मन उनका सच्चा।लोभ मोह में फँसा रहे जो,उसका मन जानो…

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साधन और साधना

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)*************************************** मन में रावण बैठा है यदि,बोलो कैसे राम मिलेगा।साधन ही दूषित होंगे तो,दूषित ही परिणाम मिलेगा॥ साधन ही आधार योग का,साधन मन को शुद्ध बनाता,बिना नियम…

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डरे कोरोना…भागे..

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** सौ करोड़,हाँ,सौ करोड़ हम,दुनिया में हुए आगे।एक सुरक्षा कवच बना,जहां,डरे कोरोना भागे।ताली,थाली,लॉकडाउन सब,जनता के बने हथियार।दुनिया केवल ताकती रह गई,वैक्सीन हमारी हुई तैयार।शासन भी…

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जख्म दिखलाने से क्या होगा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** अब अपनी ख्वाहिशों को यूँ दबा देने से क्या होगा,जमाने को यूँ अपना जख्म दिखलाने से क्या होगा॥ मेरे दिल पर जो गुज़री है भुलाना है…

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मातु भवानी अब तो आओ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* मातु भवानी अब तो आओ,आया फिर नवरात्र है।कलयुग के इस अनाचार से,दुखित नार का पात्र है॥ नन्हीं बाला तड़प रही है,बैठी क्यों तू मौन है,नहीं जानते…

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मन का दर्पण मिला नहीं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ तन तो देखा रोज मुकुर में,मन का दर्पण मिला नहीं।देखा पीछे बिम्ब प्रकृति का,लिये खड़ा उपहार सभीआये स्वयं कक्ष में मेरे,अचला के श्रृंगार सभी।नित्य सजाया तन पुष्पों से,मन…

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अभिलाषा

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* काव्य रूपी नाव ले उस पार जाना चाहता हूँ।शब्द की पतवार से सागर हराना चाहता हूँ॥ गद्द रूपी पंक्तियों को तोड़कर कविता बनायी,रेत में डूबी नदी…

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आँखें तरस गई…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** जीना तड़प-तड़प के तकदीर बन गई।तुमको देखने प्रिये मेरी आँखें तरस गई॥ तुमको देखने प्रिये मेरी आँखें तरस गईं,स्मृतियों के मेघ छाये सावन सी बरस…

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शरद का चाँद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धवल चाँदनी छत पर आई,अमृत बरस रहा है।रात पूर्णिमा शरद की आई,अमृत बरस रहा है॥ राह निहारी सबने तब ही,प्रेम आज गदराया।गगन आज बन गया सहायक,नेह-सँदेशा…

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भारत जग सिरमौर बनेगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** भारत देश हमारा प्यारा,जग सिरमौर बनेगा।विकसित हो संभ्रांत शक्ति से,विश्व विजय कर लेगा॥ गरिमा महिमा संस्कारों से,सबका मित्र बनेगा,छोटे-बड़े सभी देशों से,सद्भावना धरेगा।शक्ति और सामर्थ्य भाव…

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