निचुड़ गया मन

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ बूंद-बूंद चुनर-सा निचुड़ गया मन,तार-तार सिकुड़ गया मानवी वसन।सूख-सूख टूट गये,चाहों के तानेइधर-उधर फैल गये,सपनों के बानेअसहनीय हुई उसे धूप की तपन।बूंद-बूंद चुनर-सा…॥ उड़-उड़ के रंग हुआ,ऐसा चितकबरादिखता…

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द्वैष नहीं पलने देना

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हृदय भाव में द्वेष नहीं पलने देना।झूठ कपट अरु स्वार्थ नहीं भरने देना॥ मानवता की राह सदा चलना हमको,सत्य पथिक बन साँचे में ढलना हमको।लोभ मोह…

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बजी ढोलकी बन बादन की

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पथ से अधिक थकाने वाली,मंजिल मुझे मिली जीवन की।चरणों को विश्राम मिल गया,चाल रही ज्यों की त्यों मन की॥ अब जाऊँ किस ओर जगत के,ओर-छोर दोनों चल आईनहीं…

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धुंध छायी हर तरफ

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* विश्व में छाने लगीं अब युद्ध की तैयारियां।धुंध छायी हर तरफ रोने लगी किलकारियां॥ बाज लोहे के दिखाते पैंतरे आकाश में,आग तोपों से निकलती युद्ध के…

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ईश्वर की शुभ सच्ची श्रद्धा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* ईश्वर और मेरी आस्था स्पर्धा विशेष….. ईश्वर की शुभ सच्ची श्रद्धा,श्रेष्ठ कर्म ही सार है।पुण्य पथिक जो बनकर चलते,करते वे उद्धार है॥ आडंबर का पथ झूठा…

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माँ शैलसुता

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** नवरात्र विशेष...... खिले हुए हैं तरु पल्लव सब छायी आज बहार है।पावन दिवस आज है आया घर-घर मँगलाचार है॥ नव किरणें फूटी अंबर में दूर हुआ…

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जीवन के अनुबन्ध

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ गीत बनाये जब भी मैंने,छन्द सभी निर्बन्ध बन गये।मैंने इनको दी आज़ादी,इनने मुझको यश से बांधायह प्रतिदान मिला कि मेरी,आज़ादी में आई बाधा।ज्यों-ज्यों गीत बनाये नूतन,नये-नये प्रतिबन्ध बन…

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देश के हालात

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* बादलों की है नुमाइश शुष्क झीलों के शहर में।चाँदनी करती तमाशा राख टीलों के शहर में॥ पाँव दल-दल में सभी के और आगे बढ़ रहे हैं,देश…

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आज का इंसान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कलुषित करता मानवता को,बन रहा हैवान।मध्य पाप के घिरता जाता,आज का इंसान॥ लोभ मोह का लालच रखकर,भूलता सब कर्म,बना रहा वर्चस्व झूठ पर,त्यागता सब धर्म।भाई का…

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भ्रष्टाचार मिटाएं

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* बिगड़ रही है आज दशाएँ,बढ़ता भ्रष्टाचार है।मानवता को कलुषित करता,बाधित पथ उद्धार है॥ लोभ मोह के वश में मानुष,रिश्वत लेता शान से,तनिक नहीं वह क्षोभ करे…

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