यादों का झ़रोखा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ख़्वाबों में थिरकते ये साये मजबूर करें जीने के लिये।ज़िन्दा हूँ फ़कत तेरी खातिर फिर से न तुम्हें खोने के लिये॥ कैसे मैं भुला सकता हूँ तेरी उन प्यारी-प्यारी बातों को,डूबी जो नशे में मदमाती तारों से दमकती रातों को।अब तक मैं तड़पता हूँ हमदम आगोश तेरा पाने के लिये,ख़्वाबों में … Read more

दीप जलाना होगा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष …… उजियारा जो दूर हो गया,आज बुलाना होगा।अँधियारे को मत कोसो तुम,दीप जलाना होगा॥ मातम की बुनियादें गहरी,सच पर तो अब पहरा है।झूठ,कपट का मुंसिफ से तो,सौदा जाकर ठहरा है॥सत्य,न्याय के मधुर तराने,अब तो गाना होगा।अँधियारे को मत कोसो तुम,दीप जलाना होगा…॥ सुर,लय गलियारों तक सीमित,मंच … Read more

कुछ ऐसी हो जाए दीवाली…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** मन का कोना साफ करें हम,मन से सबको माफ़ करें हमलटके जो अहंकार के जाले,जड़ से उनका नाश करें हम।यूँ बनी रहे मुखड़े की लाली,कुछ ऐसी हो जाए दीवाली…॥ धो डालें कलुषित तन को हम,रखें शांत विचलित मन को हमनये संबंधों के परिधान पहन लें,पुरातन को भी रखें सहेज हम।रिश्तों … Read more

जिस दिन अंतःतमस मिटेगा

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जिस दिन अंत:तमस मिटेगा,समझो सच्ची दीवाली।मानवता का भाव जगेगा,हृदय नहीं होगा खाली॥ दीन-दुखी की सेवा करते,समझो मन उनका सच्चा।लोभ मोह में फँसा रहे जो,उसका मन जानो कच्चा।प्रति पल मानुष हँसकर बैठे,प्रेम भाव की हो डाली।जिस दिन अंतः तमस मिटेगा,समझो सच्ची दीवाली…॥ फुलझड़ियों-सा रौशन कर दें,समता जग में फैलाएँ।मीठे पकवानों-सा सुंदर,मधुर गीत … Read more

साधन और साधना

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)*************************************** मन में रावण बैठा है यदि,बोलो कैसे राम मिलेगा।साधन ही दूषित होंगे तो,दूषित ही परिणाम मिलेगा॥ साधन ही आधार योग का,साधन मन को शुद्ध बनाता,बिना नियम यम के दुनिया में,कोई सिद्ध नहीं हो पाता।वृक्ष बबूल लगाये हैं तो,फल उसका क्या आम मिलेगा,मन में रावण बैठा है यदि,बोलो कैसे राम मिलेगा…॥ संत … Read more

डरे कोरोना…भागे..

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** सौ करोड़,हाँ,सौ करोड़ हम,दुनिया में हुए आगे।एक सुरक्षा कवच बना,जहां,डरे कोरोना भागे।ताली,थाली,लॉकडाउन सब,जनता के बने हथियार।दुनिया केवल ताकती रह गई,वैक्सीन हमारी हुई तैयार।शासन भी मुस्तैद खड़ा रहा,सजग प्रशासन जागे।सौ करोड़,हाँ,सौ करोड़ हम,दुनिया में हुए आगे।एक सुरक्षा कवच बना,जहां,डरे कोरोना भागे…॥ कुछ सख्ती,कुछ प्यार-मोहब्बत,साथ सभी का बना रहा।एक-एक का मिला … Read more

जख्म दिखलाने से क्या होगा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** अब अपनी ख्वाहिशों को यूँ दबा देने से क्या होगा,जमाने को यूँ अपना जख्म दिखलाने से क्या होगा॥ मेरे दिल पर जो गुज़री है भुलाना है बहुत मुश्किल,तुम्हारी याद को दिल से मिटाना है बहुत मुश्किल।किसी को दर्द सीने का दिखा देने से क्या होगा,अब अपनी ख़्वाहिशों…॥ मेरी तन्हाइयों का अब … Read more

मातु भवानी अब तो आओ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* मातु भवानी अब तो आओ,आया फिर नवरात्र है।कलयुग के इस अनाचार से,दुखित नार का पात्र है॥ नन्हीं बाला तड़प रही है,बैठी क्यों तू मौन है,नहीं जानते उम्र है कितनी,बाला अपनी कौन है।नारी के जीवन में होती,अस्मत ही बस मात्र है,मातु भवानी अब तो आओ,आया फिर नवरात्र है…॥ नहीं स्वतंत्र हूँ आज … Read more

मन का दर्पण मिला नहीं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ तन तो देखा रोज मुकुर में,मन का दर्पण मिला नहीं।देखा पीछे बिम्ब प्रकृति का,लिये खड़ा उपहार सभीआये स्वयं कक्ष में मेरे,अचला के श्रृंगार सभी।नित्य सजाया तन पुष्पों से,मन का उपवन मिला नहीं। दिखा इसी दर्पण में मुझको,भूतल का विस्तार यहांमैं आगे हूंँ पीछे मेरे,एक बड़ा संसार यहां।तन तो चला योजनों इसमें,मन का वाहन … Read more

अभिलाषा

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* काव्य रूपी नाव ले उस पार जाना चाहता हूँ।शब्द की पतवार से सागर हराना चाहता हूँ॥ गद्द रूपी पंक्तियों को तोड़कर कविता बनायी,रेत में डूबी नदी को खोद कर सरिता बहायी।जोड़ अक्षर के सहारे,तोड़ लाया चाँद तारे,जिंदगी के इस किले को यूँ सजाना चाहता हूँ।शब्द की पतवार से…॥ जनता हूँ इस … Read more