जीवन का सौन्दर्य अहिंसा और शांति में ही

ललित गर्गदिल्ली************************************** अन्तर्राष्ट्रीय शांति एवं अहिंसा दिवस-२१ सितम्बर विशेष… ‘विश्व शांति दिवस’ अथवा ‘अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस’ प्रत्येक वर्ष २१ सितम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस सभी देशों और लोगों के बीच स्वतंत्रता, शांति, अहिंसा और खुशी का एक आदर्श माना जाता है। इस साल ४०वां अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया जा रहा है, जिसकी भावना … Read more

विडम्बना:१५ करोड़ लोगों के लिए ६-७ करोड़ लोगों से कर वसूलती सरकार

शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)************************************* संवाद जन-नैतिकता से… नेताओं को भी आयकर देना चाहिए। नेताओं को पद पाने पर एक ही पेंशन देनी चाहिए, बार-बार पद पाने पर बार-बार पेंशन देने की व्यस्था नहीं होनी चाहिए। एक विकासशील देश में ऐसी व्यवस्था कहां तक शोभनीय है ? और जो धर्म की आड़ में बैठकर लाखों-करोड़ लोग … Read more

हिंदी दिवस:जनता कैसे मनाए ?

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* हर १४ सितंबर को भारत सरकार हिंदी दिवस मनाती है। नेता लोग हिंदी को लेकर अच्छे-खासे भाषण भी झाड़ देते हैं, लेकिन हिंदी का ढर्रा जहाँ था, वहीं आकर टिक जाता है। अदालतों, संसद, विधानसभाओं, सरकारी काम-काज में, पाठशालाओं और विश्वविद्यालयों में सर्वत्र अंग्रेजी का बोलबाला बढ़ता चला जा रहा है। अब … Read more

हमें कृष्ण-चाणक्य नीति अपनानी पड़ेगी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** भारत विश्वगुरु और आत्मनिर्भर…. भारत जो कभी ‘विश्व गुरु’ कहलाता था…जिसकी सभ्यता और संस्कृति का सारी दुनिया लोहा मानती थी। हमारे वेदों ने वे आविष्कार हजारों वर्ष पहले कर लिए थे, जिन्हें आज विकसित देश अपने आविष्कारों का नाम देते हैं। रामायण काल में समुद्र पर पुल बना लिया था। बड़े-बड़े मारक … Read more

हिंदी से मेरा प्यार

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* हिंदी और हमारी जिंदगी…. बचपन में जब कक्षा पांचवी की एक किताब का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद किया था, क्योंकि वह किताब हिंदी में उपलब्ध नहीं थी, तो ना सिर्फ मेरे माता-पिता, वरन मेरी चाची जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्नातक एवं लाइब्रेरी साइंस में स्नातक थी और हर बात … Read more

हिन्दी की भारत में उपेक्षा, ईमानदार प्रयत्न करने होंगे

ललित गर्गदिल्ली************************************** हिन्दी और हमारी जिन्दगी… विश्व भाषा बनने की ओर हिन्दी के बढ़ते कदम भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हिन्दी विश्व भाषा बनने की समस्त अर्हताएं एवं विशेषताएं स्वयं में समाए हुए है। हिन्दी स्वयं में अपने भीतर एक अन्तर्राष्ट्रीय जगत छिपाए हुए हैं। आर्य, द्रविड़, आदिवासी, स्पेनी, चीनी, जापानी आदि सारे … Read more

क्रांतिकारी साधु रहे स्वरूपानंदजी

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर सारे देश का ध्यान गया है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इसके बावजूद कि स्वरुपानंदजी नरेंद्र मोदी की कई बार कड़ी आलोचना भी करते रहे हैं। यह श्री मोदी की उदारता तो है ही लेकिन स्वरूपानंदजी के व्यक्तित्व की यह खूबी … Read more

कम योगदान नहीं रहा मण्डी के सेनानियों का

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** आजादी का अमृत महोत्सव…. गुलामी की जंजीरों से मुक्ति का संघर्ष लगभग विश्व के अधिकतर देश समय- समय अपने-अपने ढंग से करते आए हैं और उसी कड़ी में एक नाम हमारे भारत देश का भी है। भारत वर्ष के इतिहास की एक समृद्ध कहानी है। जहां यह देश विभिन्न आतताइयों से … Read more

धीमा जहर है मोबाइल लेकर सोना

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** विज्ञान वरदान के साथ अभिशाप भी होता है। आज मोबाइल हमारे जीवन का अनिवार्य अंग बन गया है और जो उपयोग करते हैं, वे मोबाइल के व्यसनी हो जाते हैं। यह सामान्य बात है, और इस आदत के कारण हम शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आर्थिक और अनैतिकता के कारण अधिक हानियां उठा रहे हैं। … Read more

सवर्ण देश के नागरिक नहीं ?

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** छत्तीसगढ़ सरकार ने एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए अलग-अलग संचालनालय की स्थापना करने का प्रस्ताव पारित किया है और प्रत्येक के लिए सलाहकार परिषद बनाई जा रही है, जो इन वर्ग विशेष के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाएगी।अब प्रश्न यह उठता है कि, क्या इस देश के संसाधनों, योजनाओं में सवर्ण … Read more