मंगल कारक शिव शंकर
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:२३ वर्णों का छन्द-७ भगण (ऽ।।) और २ गुरुओं का योग,भगण ×७+२ गुरु, १२-११ वर्ण पर यति ४ चरण समतुकान्त। २११ २११ २११ २११, २११ २११ २११ २२ सुंदर नाम लगे शिव शंकर,अंग सदा यह भस्म रमाते॥पावन गंग जटा पर धारण,मंगल कारक ध्यान लगाते॥शोभित शंकर भाल निशाकर,ईश त्रिलोचन शम्भु कहाते।धारण वो … Read more