हरीतिमा हर दिशा
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार -२८, १६-१२ पर यति, पदांत २२ वर्षा आई रिमझिम-रिमझिम,ले आई हरियाली।सावन के स्वागत में देखो,झुकी फलों से डाली॥ घटा घनन-घन घिर-घिर आए,चम-चम चपला चमके।झम-झम झरती झर-झर वर्षा,दामिनी दम-दम दमके।।हरीतिमा हर दिशा सुहाई,बहता जल नद-नाली।सावन के स्वागत में देखो,झुकी फलों से डाली॥ शैल सुहाने सुंदर शिखरों,से झर-झरने झरते।मधुर मनोहर मोहक … Read more