प्राणवायु आधार

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हो हरित वसुंधरा.... हरित प्रकृति सार, प्राण वायु है आधार,वृक्ष कोई नहीं काटें, धरा ही तो शान है। कोरोना को करें याद, हुआ तन था बर्बाद,हालातों…

Comments Off on प्राणवायु आधार

हमारा देश भारत

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रचनाशिल्प:२१२२ २१२२ २१२.... सोच रख कर हम बड़ी कुछ तो करें।ठान ली है हम किसी से ना डरें॥जुल्म कैसा भी नहीं सहना हमें।यह प्रगति का चक्र…

Comments Off on हमारा देश भारत

जल ही जीवन

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जल ही कल.... पानी बिन जीवन हो कैसे, गाँठ बाँध लें बात।जल सहेजकर ध्यान धरें यह, बहे नहीं दिन-रात॥ पानी के गुण को सब जानें, यह…

Comments Off on जल ही जीवन

ममता

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** मुँदी पलकें कन्हैया की, कमल से नैन हैं सोए,यशोदा मात की गोदी, सिमटकर लाल हैं खोयेजरा मुस्कान तो देखो, खिली है एक भोली-सी,लगे प्यारी बड़ी…

Comments Off on ममता

रोको अत्याचार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************** हो हरित वसुंधरा.... धरती की सुंदरता खातिर,अपना धर्म निभाव।पर्यावरण सुधार चलो तुम,आओ पेड़ लगाव॥ इससे जीवन दुनिया इससे,इससे ही पहचान।आओ मिलकर पेड़ लगायें,जाग उठो इंसान॥हरदम…

Comments Off on रोको अत्याचार

मृदुभाषी बनें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जीवन हो निर्मल, भाषा अविरल, मृदुवाणी का, ध्यान धरें।मन होवे सुंदर, समता अंतर, मानवता का, मान करें॥छल और छलावा, व्यर्थ दिखावा, त्याग सभी जन, नित्य बढ़ें।जनहित…

Comments Off on मृदुभाषी बनें

जल

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जल ही कल..... रचनाशिल्प:मात्राभार -२२ / यति -१२-१० यति के आगे-पीछे त्रिकल होगा। अंत गुरु वर्ण होगा । यह ८ चरणों वाला यानी ४ पंक्ति का…

Comments Off on जल

मोहन

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** खड़े कब से तुम्हारे द्वार पर कृष्णा,नहीं जाती हृदय से ये कभी तृष्णाहमें अपना बना लो तुम सहारा दो,करें हम पार वैतरणी किनारा दो। दिखा…

Comments Off on मोहन

सत्य

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचनाशिल्प:मापनी-१२२ १२२ १२२ १२२ सभी को सदा सत्य साधे हुए है।सही राह संसार बाँधे हुए हैं॥न कोई रहे मुक्त संसार माया।बँधे मार्ग प्राणी सदा सत्य छाया॥…

Comments Off on सत्य

कौशल्या के राम…

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** नहीं विश्वास होता, राम आये,सजल नैना हमारे, मुस्कुराएजलाओ दीप बहना, गीत गाये,चलो देखें महल में, कौन आये। दिखेंगे राम कैसे, सोचती हूँ,कहाँ सीता हमारी,खोजती हूँलखन…

Comments Off on कौशल्या के राम…