शान हमारी हिंदी

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हिंदी और हमारी जिंदगी... भारत सुंदर देश, मातृभाषा है हिंदी।मस्तक शोभित श्रेष्ठ, लगे हो जैसे बिंदी॥भारत माता मान, यही है शान हमारी।मृदुवाणी शुभ बोल, सभी को…

Comments Off on शान हमारी हिंदी

माता रानी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************************************* माता रानी तुम ही मेरा,बेड़ा पार लगाना।कब से बैठा हूँ दर पे माँ,थोड़ा प्यार बहाना।। मैं तो खाया हूँ माँ अम्बे,बहुत जहां में ठोकर।अब मैं…

Comments Off on माता रानी

गुरुवर वाणी

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* यदि आप नहीं होते, तो…(शिक्षक दिवस विशेष).... चरण कमल पर पाँव धरू मैं। शत-शत वंदन नमन करूँ मैं।शिक्षक मानव जीवन गढ़ता। नित पथ पर बालक है…

Comments Off on गुरुवर वाणी

जीवन की बगिया

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************* जीवन की बगिया को यारों,रखना हरदम हरियाली।फूल खिलेंगे रंग-बिरंगे,आएगी फिर खुशहाली॥ प्रेम प्यार से इसे सींचना,कभी न मुरझाने पाये।पतझड़ का मौसम आये भी,ये बहार बनकर…

Comments Off on जीवन की बगिया

मैला आँचल कभी न हो

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* इस माटी की चरण वन्दना, हम सब मिलकर गाते हैं। अश्रु नीर से पग प्रक्षालन, माथे तिलक लगाते हैं॥ वसुंधरा माँ के आँचल को, आज…

Comments Off on मैला आँचल कभी न हो

झरने सारे कहते सुंदर बात

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* निर्झर बहते झरने सारे, कहते सुंदर बात है।भव्य प्रकृति ने दी हमको, अनुपम शुभ सौगात है॥ वृक्ष वादियाँ शान बढ़ाते, श्रेष्ठ दिव्य श्रंगार हैं।हरियाली पर आँच…

Comments Off on झरने सारे कहते सुंदर बात

पग-पग रिश्ते सदा निभाते

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) *******************************************  मित्रता और जीवन .... मित्रगणों का साथ अगर हो, शुभ जीवन हो जाता है।सुरभित होता जीवन इनसे, हृदय भाव मुस्काता है॥ सुख-दु:ख हो अरु विपत घड़ी…

Comments Off on पग-पग रिश्ते सदा निभाते

सावन की रुत

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** रचनाशिल्प:१६/१४... सावन की रुत आई देखो,नव उमंग उर आई है।सबके उर आनंद हिलोरें,खुशियों से हरषाई है। देख मही पर फसलों की अब,सजती सुन्दर क्यारी है।झरने…

Comments Off on सावन की रुत

मंगल कारक शिव शंकर

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:२३ वर्णों का छन्द-७ भगण (ऽ।।) और २ गुरुओं का योग,भगण ×७+२ गुरु, १२-११ वर्ण पर यति ४ चरण समतुकान्त। २११ २११ २११ २११, २११ २११…

Comments Off on मंगल कारक शिव शंकर

हरीतिमा हर दिशा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार -२८, १६-१२ पर यति, पदांत २२ वर्षा आई रिमझिम-रिमझिम,ले आई हरियाली।सावन के स्वागत में देखो,झुकी फलों से डाली॥ घटा घनन-घन घिर-घिर आए,चम-चम चपला चमके।झम-झम…

Comments Off on हरीतिमा हर दिशा