दाता जो देन करें

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* १२ मात्रा प्रति चरण… जीवन है इक नदिया, सुख-दु:ख दो तट इसके,नदिया के साथ रहें, पर अलग-अलग बहते। संसार सुनहरा है, जीवन प्रभु की रचना,नदियों से सृष्टि सजे,खूबी का क्या कहना। रे मन तू कर्म सजा, भगवान इशारा दें,बस देख ले सृष्टि को, तट पर ही घाट सजें। भवसागर … Read more

शान हमारी हिंदी

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हिंदी और हमारी जिंदगी… भारत सुंदर देश, मातृभाषा है हिंदी।मस्तक शोभित श्रेष्ठ, लगे हो जैसे बिंदी॥भारत माता मान, यही है शान हमारी।मृदुवाणी शुभ बोल, सभी को लगती प्यारी॥ हृदय जगत की शान, भावना सुंदर देती।मृदुवाणी शुभ सार, द्वेष नित यह हर लेती॥सुन मिलता आनंद, भावना अमिट समाए।कलम गढ़ें शुभ छंद, सृजन … Read more

माता रानी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************************************* माता रानी तुम ही मेरा,बेड़ा पार लगाना।कब से बैठा हूँ दर पे माँ,थोड़ा प्यार बहाना।। मैं तो खाया हूँ माँ अम्बे,बहुत जहां में ठोकर।अब मैं सदा रहूँगा तेरे,दर पे सेवक होकर॥अपने ही चरणों में माता,रखना भूल न जाना।माता रानी तुम ही मेरा… भक्ति नहीं औ शक्ति नहीं माँ,कुछ भी यहाँ … Read more

गुरुवर वाणी

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* यदि आप नहीं होते, तो…(शिक्षक दिवस विशेष)…. चरण कमल पर पाँव धरू मैं। शत-शत वंदन नमन करूँ मैं।शिक्षक मानव जीवन गढ़ता। नित पथ पर बालक है चढ़ता॥ बाल बालिका श्रेष्ठ अधारा। नित्य मिटाते मन अँधियारा।गुरु सम नहीं जान लें दूजा। पुण्य धरा पर इनकी पूजा॥ ज्ञान दीप नव नित्य जलाते। कंटक … Read more

जीवन की बगिया

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************* जीवन की बगिया को यारों,रखना हरदम हरियाली।फूल खिलेंगे रंग-बिरंगे,आएगी फिर खुशहाली॥ प्रेम प्यार से इसे सींचना,कभी न मुरझाने पाये।पतझड़ का मौसम आये भी,ये बहार बनकर छाये॥गुलशन महके भौंरा गाये,कोयल कुहके मतवाली।जीवन की बगिया को यारों…॥ चमन बने घर अपना सारा,रहे महकता मधुबन हो।पंछी चहके घर-आँगन में,हर्षित अपना तन-मन हो॥रिश्तों में … Read more

झरने सारे कहते सुंदर बात

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* निर्झर बहते झरने सारे, कहते सुंदर बात है।भव्य प्रकृति ने दी हमको, अनुपम शुभ सौगात है॥ वृक्ष वादियाँ शान बढ़ाते, श्रेष्ठ दिव्य श्रंगार हैं।हरियाली पर आँच न आये, यह ही जीवन सार है॥ झर-झर मधुरिम गीत सुनाती, इनसे ही नव गीत है।खग झरने अरु नदी किनारे, रखते सारे प्रीत है॥ झरने … Read more

पग-पग रिश्ते सदा निभाते

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) *******************************************  मित्रता और जीवन …. मित्रगणों का साथ अगर हो, शुभ जीवन हो जाता है।सुरभित होता जीवन इनसे, हृदय भाव मुस्काता है॥ सुख-दु:ख हो अरु विपत घड़ी में, अपना हाथ बढ़ाते हैं।ध्येय श्रेष्ठ रखने की सुंदर, अनुपम राह बताते हैं॥ अंतर्मन की पीर जानते, बंधु प्रेम शुभ पूजा है।पग-पग रिश्ते सदा निभाते, … Read more

सावन की रुत

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** रचनाशिल्प:१६/१४… सावन की रुत आई देखो,नव उमंग उर आई है।सबके उर आनंद हिलोरें,खुशियों से हरषाई है। देख मही पर फसलों की अब,सजती सुन्दर क्यारी है।झरने निर्झर कल-कल बहते,शोभा कितनी न्यारी है॥हरीतिमा चहुँ ओर सजी है,मौसम ली अँगड़ाई है।सावन की रुत आई देखो… आसमान पर काला-काला,दृश्य मनोरम है प्यारा।आशाओं के नेह … Read more

मंगल कारक शिव शंकर

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचनाशिल्प:२३ वर्णों का छन्द-७ भगण (ऽ।।) और २ गुरुओं का योग,भगण ×७+२ गुरु, १२-११ वर्ण पर यति ४ चरण समतुकान्त। २११ २११ २११ २११, २११ २११ २११ २२ सुंदर नाम लगे शिव शंकर,अंग सदा यह भस्म रमाते॥पावन गंग जटा पर धारण,मंगल कारक ध्यान लगाते॥शोभित शंकर भाल निशाकर,ईश त्रिलोचन शम्भु कहाते।धारण वो … Read more