मेरे हमसफ़र
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मेरी खुशियाँ हो तुम्हीं, हो मेरा उल्लास।तुमसे ही जीवन सुखद, लब पर खेले हास॥ जीवन का आनंद तुम, शुभ-मंगल का गान।सच,तुमने रक्खी सदा, मेरी हरदम आन॥ तुमको पाकर हो गया, मैं सचमुच बड़भाग।तुम सुर,लय तुम गीत हो, हो मेरा अनुराग॥ तुम ही जीवन-सार हो, हो मेरा अहसास।और नहीं आता मुझे, किंचित … Read more
 
					 
						 
						 
						