पर्यावरण और बरसात
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** पर्यावरण बचाइये,धरिये मन यह बात।पेड़ लगाएं भूमि पर,आज करेऺ शुरुआत॥धरती हरियाली सजी,वृक्ष सजे नव पात।फूलों से महके खिले,सजे हुए हरषात॥ धरती अंबर खिल उठे,महक उठे बरसात।शुद्ध हवा पानी लिए,जग पाए सौगात॥स्वच्छ हवा में घूम कर,जल्दी उठकर प्रात।स्वस्थ रहें ताजे रहें,पाए निंद्रा रात॥ पायेऺ घर परिवार संग,बरसाती सौगात।सरवर सारे खिल उठें,ये सुंदर-सुंदर … Read more