अभिमान
डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’रायपुर(छत्तीसगढ़)******************************************* नित्य बचें अभिमान से,धैर्य धरें अति नेक।अहंकार में जो पड़े,खोता सदा विवेक॥ अभिमानी को देखकर,मुँह लेना नित मोड़।संगत में पड़ना नहीं,उससे नाता तोड़॥ धन-वैभव में पड़ सदा,करना नहीं घमंड।समय साथ नित जाग लें,मिलती खुशी प्रचंड॥ सब तन इष्ट प्रकाश सम,फिर कैसा अभिमान ?जाति-धर्म सब भेद तज,जन-जन एक सुजान॥ बनकर प्रबुद्ध चल … Read more