पर्यावरण और बरसात

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** पर्यावरण बचाइये,धरिये मन यह बात।पेड़ लगाएं भूमि पर,आज करेऺ शुरुआत॥धरती हरियाली सजी,वृक्ष सजे नव पात।फूलों से महके खिले,सजे हुए हरषात॥ धरती अंबर खिल उठे,महक उठे बरसात।शुद्ध हवा पानी लिए,जग पाए सौगात॥स्वच्छ हवा में घूम कर,जल्दी उठकर प्रात।स्वस्थ रहें ताजे रहें,पाए निंद्रा रात॥ पायेऺ घर परिवार संग,बरसाती सौगात।सरवर सारे खिल उठें,ये सुंदर-सुंदर … Read more

कलम बने हथियार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* आग उगलती लेखनी,ही लाती परिणाम।जो बदले युग को सदा,लाये नव आयाम॥ लेखन में जब सत्य हो,परिवर्तन का भाव।वही लेखनी पूज्य है,जिसमें जनहित-ताव॥ गाये जो बस दर्द,ग़म,पीड़ाओं के गीत।बने झोंपड़ी,भूख की,जो सच्ची मनमीत॥ वही लेखनी धन्य है,जो असत्य से दूर।जो रखती संवेदना,वही कलम मशहूर॥ कलम बिके ना,दृढ़ रहे,हों कैसे हालात।तभी बनेगी … Read more

सुखमय हो आगत समय

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** जीवन के रंग (मकर संक्रांति विशेष)…. पर्व कृषक शुभ लोहड़ी,चहुँ दिशि जला अलाव।अर्पित गेहूँ बालियाॅं,भूल सकल मन घाव॥ पर्व मकर संक्रांति है,वैज्ञानिक त्यौहार।सूरज शनि की हो कृपा,धन सुख यश उपहार॥ तिल लड्डू गुड़ पर्व यह,नयी फसल हो गेह।रवि मकर उत्तरायणी,दक्षिणायण तज नेह॥ खुशियों का अनुपम मिलन,पर्व पौष मासान्त।पावन उत्सव … Read more

मकर पर्व दे रहा शुभ नेग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* जीवन के रंग (मकर संक्रांति विशेष)…. सूर्य-वंदना कर सभी,पाएँगे आवेग।मकर पर्व तो दे रहा,हम सबको शुभ नेग॥ उत्तर के पथ पर गए,दिनकर जी भगवान।किरणपुंज के देव तुम,रखना सबकी आन॥ संकराति का पर्व यह,करे मकर का गान।सरिता,ताल,समुद्र में,नहा पूज भगवान॥ तिल-लड्डूू खा स्वस्थ बन,मेलों का आनंद।बच्चे,बूढ़े सब करें,बेहद पर्व पसंद॥ ठंड … Read more

होता है कल्याण

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** जीवन के रंग (मकर संक्रांति विशेष)…. पौष मास में सूर्य जब,करता मकर प्रवेश।तभी मने संक्रांति हैं,पूजन करें दिनेश॥ प्रातः उठकर स्नान कर,रक्त पुष्प ले हाथ।लोटा पानी अर्घ्य दे,चन्दन अक्षत साथ॥ स्नान दान अरु पुण्य से,होता है कल्याण।प्रमुख पर्व होता यही,शुद्ध होत है प्राण॥ भगवत गीता पाठ कर,कम्बल तिल घी दान।करते … Read more

समझ-समझ का फेर

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** समझ-समझ का फेर है,मानव तो सब एक।भजना चाहे भी जिसे,काम करो बस नेक॥ कोई पूजे राम को,है कोई रहमान।समझ-समझ का फेर है,इक प्रभुवर ये मान॥ अभिमानी इंसान कुछ,चलें कुपथ दिन रात।समझ-समझ का फेर है,समझत कब सच बात॥ चुन-चुन रखते नोट हैं,दीवारन के बीच।समझ-समझ का फेर सब,रखते आँखें मीच॥ समझ-समझ का फेर सब,इतना सबको … Read more

हिन्दी है उत्कृष्ट

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* ‘विश्व हिंदी दिवस’ विशेष….. हिन्दी हितकर है सदा,हिन्दी इक अभियान।हिन्दी में तो आन है,हिन्दी में है शान॥ हिन्दी सदा विशिष्ट है,हिन्दी है उत्कृष्ट।हिन्दी अपनायें सभी,होकर के आकृष्ट॥ कला और साहित्य है,पूर्ण करे अरमान।हिन्दी में है उच्चता, ‘शरद’ सभी लें मान॥ हिन्दी का उत्थान हो,हिन्दी का सम्मान।हिन्दी पर अभिमान हो,हिन्दी का … Read more

अनुशासन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* अनुशासन का है नहीं,किंचित यहां विकल्प।अनुशासन को मानना,आगत का संकल्प॥ अनुशासन को मानकर,मानव बने महान।अनुशासन संकल्प है,जो लाता सम्मान॥ अनुशासन है चेतना,अनुशासन उत्थान।अनुशासन को थामकर,जीना हो आसान॥ अनुशासन संदेश है,अनुशासन शुभकर्म।अनुशासन है बंदगी,अनुशासन है धर्म॥ अनुशासन है प्रेरणा,अनुशासन शुभगान।अनुशासन है सादगी,अनुशासन जयगान॥ अनुशासन है साधना अनुशासन है ध्यान।अनुशासन है जागरण,मानव … Read more

सर्द हवाएँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* सर्द हवाएँ चल रहीं,फैला है आतंक।जाड़े ने ढाया कहर,मार रहा है डंक॥ कुहरे ने सब कुछ ढँका,सूझे भी नहिं हाथ।स्वेटर,कंबल दे रहे,बस मानव का साथ॥ जनजीवन सब सुस्त है,सड़कें हैं सुनसान।सर्द हवाएँ श्राप हैं,मौसम है हैवान॥ बर्फीली चलती हवा,मार रही है तीर।कौन सुनेगा आदमी,को होती जो पीर॥ चाय,गर्म का दौर … Read more

अटल बिहारी शान थे

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* अटलबिहारी वाजपेयी विशेष… अटल अटल इंसान थे,रखते थे ईमान।जन-जन के हितकर बने,रखा सभी का ध्यान॥ जीवन में शुचिता लिए,गही सत्य की राह।उनके चोखे काम लख,निकली मुँह से वाह॥ राजनीति सेवा बनी,रखा समर्पण ख़ूब।किए सभी कारज सदा,गहरे में नित डूब॥ अटल बिहारी शान थे,रचे उच्च आयाम।सकल देश करता सदा,उनको सदा सलाम॥ … Read more