स्वीपर!

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** शिक्षक समाज का दर्पण… वाशरूम की टंकी देख नरेश करीब सप्ताह भर से स्वीपर मंगीलाल को बुला रहा था। आज अचानक उनको दरवाजे पर देख -“अरे नमस्कार सर, कैसे हैं ?” “जी ठीक हूँ। आप लोग सब कुशल मंगल!“…जी, जी सर।”“…वो वक्त ही नहीं मिल पा रहा था, जिससे आने में थोड़ा … Read more

चिड़ियाघर

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* ८ वर्षीय युवांश दादी के पास बैठकर अपनी ड्रॉइंग बुक में तरह-तरह के चित्र बना रहा था और हर चित्र बनाने के उपरांत वह दादी को दिखाता। दादी उसकी बनाई हर कलाकृति की दिल से सराहना करती। दादी से मिली प्रशंसा से युवांश फूला न समाता। “युवांश तुम काफी देर … Read more

प्यार

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** कामवाली शीनू की बातें सोच-सोच कर रिद्धिमा उलझन में थी… डाईनिंग टेबल को सजाती हुई वह पति सुलभ से बोली- “अगर स्त्री का एक महत्वपूर्ण अंग ही कट जाए, तो उसको जीने का कोई अधिकार नहीं होता है ? वो पृथ्वी पर बोझ बन जाती है क्या सुलभ ?“२ साल से … Read more

सूखे पत्तों-सी…

डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)****************************** “दादाजी! आज शहर का माहौल देखने लायक था!”“क्या खास बात देखी तुमने ?”“जब मैं कॉलेज जा रहा था, तब हाथ में तिरंगा लिए ‘भारत माता जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए हजारों लोगों का जुलूस मैंने देखा! जब लौट रहा था, तो मोटरसाइकिल रैली में सैकड़ों युवक हाथ में तिरंगा लिए … Read more

कल करे सो, आज कर

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** ‘आदि’ और ‘नील’ २ भाई थे। दोनों एक ही कॉलेज में एक ही कक्षा में पढ़ते थे। आदि पढ़ने में होनहार होने के साथ- साथ समय का एकदम पाबंद था, जो भी कार्य करता; समय पर करता। सभी शिक्षक उसकी तारीफ़ करते न थकते।वहीं नील पढ़ने में कम होने के साथ- … Read more

लालच

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** रेनू एक मध्यम परिवार की बहू थी। उसको कपड़ों का बहुत शौक था। दिन में २ बार कपड़े बदलना उसकी आदत में शुमार था। उसकी अलमारी में कभी खत्म न होने वाले कपड़ों का भंडार था। इसके बाद भी उसका मन आज एक और साड़ी खरीदने के लिए लालायित था। … Read more

कचरा बीनने वालीं

शीलाबड़ोदिया ‘शीलू’इंदौर (मध्यप्रदेश )*********************************************** मधु अपने स्कूटर से अपनी बिटिया को रोज की तरह स्कूल से घर ला रही थी। रोड पर गाड़ी चढ़ा रही थी कि, कीचड़ से गड्ढा बड़ा होने के कारण गाड़ी स्लिप हो गई। गाड़ी इतनी जोर से गिरी कि, गाड़ी की चाबी मुड़ गई। दोनों माँ-बेटी सड़क पर गिरी थी। … Read more

वह मान गई

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** जुगनू बाज़ार से लौटते हुए आँगन से आवाज लगता है,-“क्यों री सरला ? आज नींद नहीं आ रही है क्या ? और दिन तो ७ बजे ही बिजली बुझा देती है। आज क्या हुआ है ?” जुगनू आज बाजार से देर से लौटा था।“नहीं-नहीं काका;ऐसा कुछ नहीं है! आज बन्नो दीदी … Read more

जहाँ चाह, वहाँ राह

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** बिल्कुल सरल स्वभाव, छोटा कद, सरलता की मूरत और मधुरता का रस, लेकिन जब वह बोलती तो उसका व्यवहार और फड़फडड़ाती अंग्रेजी दोनों ही बिल्कुल विपरीत दिशा में दिखते। रीमा थी ही कुछ ऐसी नटखट-सी! माँ की इच्छा ने उसे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, जिससे दसवीं के बाद ही … Read more

राधिका की बोतल

शीलाबड़ोदिया ‘शीलू’इंदौर (मध्यप्रदेश )*********************************************** विजया ने अपनी बिटिया को आवाज लगाई,-“निक्कू इधर आओ, यह बोतल ले लो। इसका ढक्कन टूट गया है तो कामवाली बाई की बेटी राधिका को बोतल दे दो, ताकि उसके काम आ सके।” विजया की छोटी बेटी निक्कू बोली,- “ठीक है मम्मी, इस बोतल का भी ढक्कन टूटा है। यह वाली … Read more