आज कह लेने दो…

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ “निर्भय, आज हम लोगों की शादी के पूरे ३० साल बीत गए। सब लोगों की नजरों में हम आइडियल कपल हैं, लेकिन मैं देख रही हूँ कि हम दोनों के रिश्तों पर समय की धूल जमती जा रही है। मैं बार-बार कहती रही। आज तक तुमने मुझे कभी ढंग का गिफ्ट नहीं … Read more

हँसते जख्म

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** ‘कोरोना’ काल में अच्छे-अच्छे लोगों की नौकरी छूट गई थी। मकान का किराया तक नहीं दे पा रहे थे, तो मकान मालिक ने खाली करने के लिए कह दिया। कई लड़के एक ही गाँव के रहने वाले थे। आपस में फैसला किया कि अपने गाँव में रहकर ही कुछ करेंगे। अपनी योग्यता … Read more

डिलीवरी ब्वाय का दर्द

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ महानगर तो महानगर, अब तो छोटे शहरों में भी सड़कों पर एक नए तरह की भीड़ दिखाई पड़ती है, जो अपने सिर पर हेलमेट में अपने भविष्य के सपने छिपाए अपनी पीठ पर समान का बैग लादे हुए, मोबाइल स्क्रीन पर नजरें गड़ाए हुए अपने जीवन की उम्मीद लिए हुए भागते चले … Read more

ईर्ष्यालु मित्र

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************** विक्रम एक सदाचारी, नैतिक, संस्कारी व नौजवान लड़का है। अपने आत्मसम्मान के लिए सदा लड़ता रहता है, परंतु किसी भी व्यक्ति को अपने व्यवहार से आहत नहीं करता है। आज फिर विक्रम को अपने कार्य क्षेत्र कार्यालय में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई थी। वह काफी उत्साहित है। धीरे-धीरे प्रसिद्धि और … Read more

अहिंसाग्राम

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** “दादी, आज कौन-सी कहानी या किस्सा सुना रही हो ?” पोते ने कहा।” आपके पास तो सूचनाओं का भण्डार होता है।”“हाँ, आज तुझे सुना रही हूँ एक बड़ी अच्छी खबर। एक है अहिंसाग्राम।”दादी की बात पूरी भी नहीं हुई थी, कि पोते ने बीच में टोका- “अहिंसा नाम तो सुना था। कोई … Read more

अभिशाप को वरदान बनाया

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** ” दादी! आप बता रही थीं ना कि एक व्यक्ति ने जेल में रहकर एमबीए समेत ३१ डिग्रियाँ लीं और अब कंपनी में डायरेक्टर हैं। उन्होंने एक किताब लिखी, जिसका बड़ा विचित्र-सा नाम है। वो कौन-सी पुस्तक है और वो व्यक्ति कौन है ?” रोहित ने दादी से पूछा।दादी- “रोहित बेटा! उस … Read more

संवेदना

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ आरवी और गर्व दोनों में दोस्ती थी। उन दोनों के बीच क्लास में प्रथम पोजीशन के लिए हमेशा कॉम्पीटिशन रहता था। इधर, कुछ दिनों से गर्व को बार-बार बुखार आ जाता था। वह कमजोर भी होता जा रहा था। जब उसके पापा ने उसको दिल्ली ले जाकर सब टेस्ट कराए तो मालूम … Read more

एक दिन की बात

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** श्रेया ऐसी ही थी, थोड़ी ही देर में सबको अपना मित्र बना लेती।जब भी कक्षा में कोई ऐसा चेहरा आता, जिससे सब दोस्ती करना चाहते तो बस श्रेया को आगे कर देते और थोड़ी ही देर में वह उसे मित्र बनाने में सफल हो जाती।बड़ी मिलनसार और साफ दिल थी वह, कोई … Read more

वृद्धाश्रम… ५० करोड़…

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ ट्रि.ट्रि.ट्रि…“अरे, सुयश आज इतने दिनों बाद मेरी याद कैसे आ गई ?’सौम्या कैसी हो तुम ?’’“मैं तो ठीक हूँ, सीधे-सीधे काम की बात करो।‘’“एक प्लान है, उसके लिए मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है।‘’“साफ-साफ बोलो, भूमिका न बनाओ।‘’“मेरे पास एक बिल्डर आया था। वह अपनी कोठी और बगीचे को तोड़ कर उस … Read more

आत्महत्या

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* “रेणु, तुम अंशुल से कह दो, इस दिवाली पर न आए… फिर दस-बारह हजार लग जाएंगे चार दिन के, अभी वैसे भी बहुत खर्च हो गया है… हॉस्टल और कॉलेज की सालभर की फीस जमा दी है। मैंने कहा तो उसका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।”अभिजीत ने भुनभुनाते हुए … Read more