करता जा सतकर्म तू

मालती मिश्रा ‘मयंती’ दिल्ली ******************************************************************** करता जा सतकर्म तू,बाधा दे बिसराय। बाद अँधेरी रात के,भोर किरन मुस्कायll रोकेंगी तेरी डगर,दुश्वारियाँ हजार। ध्यान लगा तू लक्ष्य पर,बाधा देहि बिसारll माटी की…

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अंधेरा क्यूँ है

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** किया है रौशनी फिर भी,अंधेरा क्यूँ है। घिरा है मन उदासियों से,परेशां क्यूँ है। किया है... जो गुज़र गया है,उसे भूलाने की आदत है, फिर भी…

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अपनी धुन

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** कोई मैं तो अपनी ही धुन करना दुनिया से क्या ? भक्ति रस लागी लगन करना दुनिया से क्या ? मेरी भक्ति का एतबार…

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क्यों करता हूँ कागज काले…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** क्यों करता हूँ कागज काले ? बैठा एक दिन सोच कर यूँ ही, शब्दों को बस पकड़े और उछाले। आसमान यह कितना…

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ख़्वाहिश

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** नजरों ने ही देखा हँसी ख़्वाब तेरा, चाहतों की कशमकश में मुस्कुराता चेहरा तेरा। जवाँ दौर में, तेरी मोहब्बत की हर हसरत का, लम्हा-लम्हा…

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मन

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* मन की गति विचित्र, कोई ना मन का मित्र मन है बड़ा चपल, इसे तो संभालिये॥ मन है सबका राजा, रहता है सदा ताजा नही…

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फूल खिलाएं दीप जलाएं

ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** पुण्य धरा की पावन माटी,आओ हम सम्मान करें, कंचन जैसे संस्कार पर,आओ हम अभिमान करें। मात-पिता के श्रीचरणों पर,श्रृद्धा सुमन चढ़ाओ तो, श्रीगुरुवर के उपकारों…

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दिल से जो प्यार करते हैं…

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ दिल के झरोखों से, सब कुछ दिखता है। तभी तो दिल हमारा, एकदम साफ रहता है। तभी तो प्यार के लिए, दिल मेरा उमड़ता हैll दूर…

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प्रार्थना

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** हमको चरणों में लगा दो, हे माँ तेरी शरण आये। खुशी के तुम दीप जला दो, श्रद्धा के हम फूल लाये। हम बालक तेरे पुजारी, करें…

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तुम्हें पाने की आस

सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* तुम हो मेरा वो क्षितिज, जो दूर होकर भी मुझसे कहता...मेरा है। तुम मानो ठहरे हो, इस उम्मीद में कि यूँ ही रोज चलते-चलते, मैं पहुँच…

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