कुल पृष्ठ दर्शन : 215

You are currently viewing अंधेरा क्यूँ है

अंधेरा क्यूँ है

पूनम दुबे
सरगुजा(छत्तीसगढ़) 
******************************************************************************
किया है रौशनी फिर भी,अंधेरा क्यूँ है।
घिरा है मन उदासियों से,परेशां क्यूँ है।
किया है…

जो गुज़र गया है,उसे भूलाने की आदत है,
फिर भी सुबह का,सबेरा सोया क्यूँ है।
किया है रौशनी…

आँखों के आंसू,कभी सूखे ही नहीं,
फिर इतना गहरा कोहरा क्यूँ है।
किया है रौशनी…

सब कुछ बदल गया,बदली नहीं तक़दीर,
राहों में अब भी मिलते,लुटेरे क्यूँ है।
किया है रौशनी…

आसान नहीं ‘पूनम’ सब पर,भरोसा करना,
हर बात पर मिलता धोखा क्यूँ है।
किया है रौशनी…

बनते सभी अपने और चल देते हैं,
जरा सी वाह-वाही पर जलते क्यूँ है॥
किया है रौशनी…,
घिरा है मन…॥

परिचय-श्रीमती पूनम दुबे का बसेरा अम्बिकापुर,सरगुजा(छत्तीसगढ़)में है। गहमर जिला गाजीपुर(उत्तरप्रदेश)में ३० जनवरी को जन्मीं और मूल निवास-अम्बिकापुर में हीं है। आपकी शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत विशारद है। साहित्य में उपलब्धियाँ देखें तो-हिन्दी सागर सम्मान (सम्मान पत्र),श्रेष्ठ बुलबुल सम्मान,महामना नवोदित साहित्य सृजन रचनाकार सम्मान( सरगुजा),काव्य मित्र सम्मान (अम्बिकापुर ) प्रमुख है। इसके अतिरिक्त सम्मेलन-संगोष्ठी आदि में सक्रिय सहभागिता के लिए कई सम्मान-पत्र मिले हैं।

Leave a Reply