अधीर लड़की

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** अधीर लड़की,तेरी आँखों मेंचमकती हुई चिंगारी। तेरी मुस्कान मेंछिपी हुई अधीरता,तेरे दिल की गहराई मेंछिपी हुई आग। जो नहीं मिला तुझेउसे पाने की चाह में,क्यों इतनी अधीर है तू ?क्या तू नहीं जानती ? जीवन एक यात्रा है,जीवन की यात्रा मेंसब-कुछ मिलेगा,तू धैर्य रख,अधीर लड़की ! तेरे हर कदम में अधीरता है,तेरी … Read more

जन्मदिन-बधाई

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** हर कोई बधाई देता है,कहता है मिले जीवन में आपको तृप्तिरहें आप सर्वश्रेष्ठ हमेशा,ऐसी हो आपकी ख्याति-कीर्ति। सबके हँसते होठों पर,नाम हमारा होता हैजितनी आने की ख़ुशी होती है इस लम्हे की,उतना ही जाने का ग़म होता है। पर बीत जाता है इंतज़ार का वक़्त,फिर कोयल गीत सुनाती हैफिर से ख़ुशी … Read more

पधारो गणपति

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** ‘गणपति’घर आइएस्वागत है आपका,सबके दुलारेवंदन। ‘बप्पा’तेजमयी शिवनन्दनगणेश तुम्हारा अभिनंदन,पद सरोजनमन। ‘गजानन’करूँ विनतीदो सबको सुख,हरो दुःखविघ्नहर्ता। ‘गणराज’,शुभ करोगौरीनन्दन बरसाओ कृपा,उमा तनयगजानन। ‘गणनायक’विराजित रहोसदा पूजें आपको,फल सुखदायकगजमुख। ‘बुद्धेश’कुमति हरोपापी न बनें,एकदन्त दयावंतकरुणेश। ‘करुणेश’बुद्धि विधातासकल मनोरथ पूर्णक,हो कीर्तिधारीमोक्ष। ‘चारभुजाधारी’सुनो हमारीमिटाओ पीड़ा सारी,पूज्य प्रभु,शुभकर्ता। ‘लम्बोदर’जलन मिटाओजग को सुधारो,तुम्हीं प्रथमसानंद। ‘मंगलेश’हों सुपथसुखमय करो दुनिया,बुद्धिमान सबसंसार। ‘विघ्नेश्वर’डूबे … Read more

मांगती यह वरदान

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* हरितालिका का त्यौहार,संग लाए खुशियाँ अपारहर सुहागिन देखो आज,करती हैं सोलह श्रृंगार। पायल, बिछिया, चूड़ी, बिंदिया,गला सजे नौलखा हारहाथ मेंहदी पाँव महावर,माथे सजती सिन्दूर सार। निर्जला व्रत रख,करती है यह उपवासमन मंदिर में रहता,पति परमेश्वर का वास। जप करती गौरी शंकर का,हर क्षण हर श्वांसअमर रहे सुहाग सदा,रखती है यह विश्वास। करके … Read more

तेरी जय हो गणेश

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ जय हो, जय-जय हो गणेश,दुनिया में कहीं ना हो क्लेशबप्पा तुम हम सबके प्यारेतेरी जय हो गणेश…। दु:ख हो या सुख हो,तेरा बना रहे साथशुभ है तेरा आना,तेरी जय हो गणेश…। रिद्धि-सिद्धि के दाता,गौरी पुत्र गणेशदेवों के देव के पुत्र गणेश,तेरी जय हो गणेश। मूषक वाहन प्रिय मोदक,लड्डू व दूवा … Read more

गीत मधुर हम गाएँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* समरसता की ज्योति जलाकर, गीत मधुर हम भारत गाएँमानवता अनमोल धरोहर, नैतिकता का पाठ सिखाएँसंस्कार आचार सत्यपथ, शील धीर पुरुषार्थ दिखाएँ,सुमति विवेकी साहस सम्बल, नवनिर्माण धर्मार्थ रचाएँ। जन गण मन मंगल सुखदायक, अरुणिम भारत गान सुनाएँ,चहुंमुख सीमा रक्षक नायक, वीर शहीदों शीश नवाएँविजय गीत भारत शत्रुंजय, अमर उजाला दीप … Read more

कलयुग… क्या बतलाएँ

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** कलयुग की यह रीति सुहावनजो मन भावे वही है पावन,क्या बतलाएँ युवा जगत को-भूल रहा निज रीति-नीति को। बच्चों पर क्या दोष लगाएँउनको हम क्यों ग़लत बताएँ,संस्कार की बात पुरानी-हितकर है यह सबने मानी। पर शिक्षा तो कॉन्वेंट मेंसीखा सब उन्हीं के संग में,अब क्यों कहते ढंग है बदला-खान-पान व्यवहार है बदला। … Read more

गणपति जी आराधना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भाद्र शुक्ल शुभ चतुर्थी, श्री गणेश अवतार।सिद्धिविनायक वन्दना, विघ्नेश्वर संसार॥ गणपति जी आराधना, प्रेम भक्ति मन भाव।सकल मनोरथ पूर्ण हो, मिटे विघ्न खल घाव॥ पूजन मंगलमूर्ति की, वैदिक मंत्र विधान।लम्बोदर बप्पा कृपा, मिले विभव यश मान॥ वंदन पूजन प्रार्थना, मूषिकवाह विशेष।करूँ आरती भक्तिमन, मिले समृद्धि अशेष॥ गणपति बप्पा मौरया, … Read more

नंद गृह शुभफल

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** तिमिर गहन रितु, वीभत्स-वीभत्स रितु,छम-छम कृष्ण रितु, घन घिर गरजे। जनम अद्भुत पल, यशुमति हर्ष पल,नंद गृह शुभफल, समस्त जन हर्षे। विचलित रुद्र कंस, सहम-सहम कंस,विकृत स्वरूप कंस, दुष्ट कंस गरजे। खुलधर्म-कर्म पट, बहुरि बंधन पट,पितु अचिंतित सट, जगत भय टरे। भ्रमित तरंग सरि, जलधि सम भरि,अनंत-अनंत धरि, भुजंग छत्र … Read more

छुई-मुई का दीवाना

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* मैं आषाढ़ सावन में छुई-मुई का बड़ा दीवाना बन जाता हूँ,देखकर आश्चर्य से छुई-मुई का खिलना मन ही मन सोंचता रहता हूँप्रकृति का जीता-जागता चमत्कार जानकर मन ही मन भरमाता हूँ,बहुत हौले से छुई-मुई क़ो छूकर, लज्जा से उसक़ो सिमटता पाता हूँ। बहुत शर्मीली, बहुत लचीली बहुत ही मनोरम इसका है … Read more