बचपन के दिन…

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* बचपन के दिन याद हैं, रहता मन उल्लास।चिंता और तनाव भी, कभी न आते पास॥कभी न आते पास, लाड़ सब खूब लड़ाते।रहते थे खुशहाल, कभी भी दुःख न आते॥बीत गया वह काल, उम्र तो है अब पचपन।सुखद सलोनी याद, काश! फिर आए बचपन॥ बीता बचपन का समय, सुखद सुनहरा काल।समय … Read more

उत्सव भर देता उल्लास

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जगमग जीवन ज्योति (दीपावली विशेष)… आई है दीपावली, खुशियों का त्यौहार।भर देता उल्लास से, उत्सव ये हर बार॥उत्सव ये हर बार, अँधेरा दूर भगाए।रोशन आँगन-खेत, सभी गृह नगर सजाए॥घर आए रघुवीर, खुशी चहुँ ओर है छाई।फैला हुआ प्रकाश, दीप दीवाली आई॥ आया आज प्रकाश का, दीपमालिका पर्व।संस्कृति अपनी है यही, … Read more

छाया है उल्लास

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* दीवाली का आगमन, छाया है उल्लास।सकल निराशा दूर अब, पले नया विश्वास॥पले नया विश्वास, उजाला मंगल गाता।दीपक बनकर दिव्य, आज तो है मुस्काता॥नया हुआ परिवेश, दमकती रजनी काली।करे धर्म का गान, विहँसती है दीवाली॥ अँधियारे की हार है, जीवन अब खुशहाल।उजियारे ने कर दिया, सबको आज निहाल॥सबको आज निहाल, ज़िन्दगी में … Read more

समाज न होता तो…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आओ हम समझें इसे, इसका करो लिहाज।जो न होता समाज तो, क्या ही होता आज॥क्या ही होता आज, हमें यह मनुज बनाते।करना न कभी एतराज, यह है तब हम लजाते॥समझो न इसे खाज, सिमट बंधन में जाओ।करता यही इलाज़, इसे हम समझें आओ॥ पशु-पक्षी भी तो सदा, रहते एक समाज।हम तो मानव … Read more

भाषाओं का मेल ‘हिन्दी’

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि की प्रतीक ‘हिन्दी’ (हिन्दी दिवस विशेष)… भाषा हिंदी हिंद की, आन बान अरु शान।हमको इस पर गर्व है, करें सभी सम्मान॥करें सभी सम्मान, मात है संस्कृत इसकी।हिंदी बिंदी भाल, नागरी लिपि है जिसकी॥तत्सम तद्भव शब्द, फारसी उर्दू आशा।भाषाओं का मेल, हमारी हिंदी भाषा॥ भावों का प्रकटीकरण, करने … Read more

आजादी हित प्राण लुटाए

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष… आजादी महँगी मिली, पन्द्रह याद अगस्त।राज फिरंगी देश में, जन गण मन था त्रस्त॥जन गण मन था त्रस्त, बहुत बलिदान दिए थे।भारत माँ को काट, भुजा दो टूक किए थे॥‘लाल’ लहू् कर भेद, बीज बोए बरबादी।अंग भंग ज्यों देह, मिली हमको आजादी॥ भारत में सबसे बड़ा, लोकतंत्र है आज।जागरूक होकर … Read more

हरियाली तीज, रीत-प्रीत मनुहार

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** हरियाली हर हार में, पावस की मनुहार।प्रीत मिलन उपहार है, झूलों का त्योहार॥झूलों का त्योहार, सखी सब संगत झूले।पिय हिय की विज्ञात, मोद मन ही मन फूले॥कहे ‘विज्ञ’ कविराय, बसे हिय में वनमाली।सखियाँ समझें और, बसे हरि मन हरियाली॥ सावन की शुभ तीज है, आए हैं भरतार।मन चाही मन की हुई, रीत प्रीत … Read more

आया सावन, बरसे मेघ

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मेघ, सावन और ईश्वर… आया सावन मास अब, हरियाली चहुँ ओर।बरसे रिमझिम मेघ हैं, खुश हो नाचे मोर॥खुश हो नाचे मोर, शोर अब दादुर करते।बरसे बादल खूब, ताल नदियाँ सब भरते॥हर-हर बोले भक्त, नीर कांवड़ भर लाया।करते शिव की भक्ति, मास सावन है आया॥ सावन में शिव की कृपा, पाएं सब … Read more

नाचे मोर-चकोर

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* पावस ऋतु संसार का, एकमात्र आधार।होता इससे सृष्टि में, जीवन का संचार॥जीवन का संचार, धरा की प्यास बुझाए।नाचे मोर चकोर, मेघ भी शोर मचाए॥घिर आए घन श्याम, लगे ज्यों घोर अमावस।हरियाली चहुँ ओर, सुहानी है ऋतु पावस॥ सावन की ऋतु आ गई, करते मेघा शोर।चमक रही है दामिनी, घन छाए चहुँ … Read more

नेट-चेट में लीन

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** मोबाइल का दौर है, मनुज हुआ नित व्यस्त।नेट चेट में लीन है, तन से होता पस्त॥तन से होता पस्त, करे वह लापरवाही।पढ़ना नहीं किताब, करे वह नित कोताही॥व्यर्थ गँवाता वक्त, खोजता रहता फाइल।पुस्तक को बिसराय, आज का ये मोबाइल॥ शिक्षा के शुभ ध्येय को, भूले बालक आज।समय गँवाते नित दिखे, छोड़े … Read more