तुमसे ही है सौभाग्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* तुमसे ही है सौभाग्य और तुमसे ज़िन्दगी,तुम साथ रहो ईश से यही तो वंदगी।है प्यार तेरा चेतना और पुष्प नेह के-मुझको जनम-जनम से पिया तेरी तिश्नगी॥ तुम संग रहो युग-युगों है मेरी कामना,तू है खुशी का गीत और मेरी साधना।पूजूँ मैं चाँद आज कहूँ ऐ मेरे सनम-हर जनम में ही मेरे … Read more

मन का दर्पण जब चमकेगा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला (मध्यप्रदेश)******************************************* मन का दर्पण जब चमकेगा, महक जाएगा जीवन,मन में पावनता महकेगी, दमक जाएगा जीवन।मन को मंदिर जैसा मानो, जीवन बने सुहावन-मन का पंछी जब चहकेगा, चहक जाएगा जीवन॥ मन का दर्पण सत्य बोलता, सच का साथ निभाना,बात न्याय की जब भी होगी, सद् को तुम अपनाना।मन का दर्पण स्वच्छ रहेगा, … Read more

प्रेम सुरभि सुरभित जगत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अभिलाषी जो प्रेम का, समझ प्रेम अनमोल,निर्मल निश्छल प्रेम ले, दे समरसता घोल।रिश्तों की जिसको समझ, वही निभाता प्रेम-अन्तर्मन चिन्तन विमल, प्रेम करे दिल खोल॥ प्रेम सुरभि सुरभित जगत,मिले शान्ति सुख चैन,खिले फूल अपनत्व का, समरस प्रकृति उदार।काम क्रोध मद मोह से, ग्रसित मूढ़ इन्सान-माने क्या अपमान का, कलह … Read more

होली का त्योहार…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* होली का त्योहार मनाओ,इक दूजे को रंग लगाओ।आपस में हो प्रेम-प्यार भी-सब ही सबसे गले मिलाओ॥ होली आई रंग-बिरंगी,मन धड़कन धुन रचें सरंगी।गोरी की चुनरी लहराती-भाव रहें मन में बजरंगी॥ गोकुल मथुरा हर घर दिखते,कान्हा गोपी मन में सजते।बड़े-बुजुर्ग भी बच्चों जैसे-भोले बाबा बनके रहते॥ कलयुग में सतयुग दिखता है,त्रेता … Read more

अनुपम-अदभुत चित्रकार

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अनुपम अद्भुत चित्रकार जो, ब्रह्माण्ड जगत निर्माता है,शैलेन्द्र नदियों से सज्जित, सागर लहरें रच जाता है।लरज़ हरि लीला दुनिया, काल त्रिविध शक्ति दिखलाते-हरियाली सुष्मित सुरभित भुवि, प्रकृति चारु रूप सुहाता है। सप्तर्षि सुशोभित नभमण्डल नीलांचल वसन सुहाता है,सतरंगी मानव जीवन जग, इन्द्रधनुष गगन इठलाता है।कुसुमाकर अरुणिम प्रभात चहुँ कानन … Read more

नारी त्याग महान

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** निश्छल मन करुणा हृदय, नारी त्याग महान,सभी युगों, कालों में उसकी शक्ति का गान।बदल रहा है रूप जो उसको है मन भाया-स्वप्न जो देखा उसने उसका करो सभी सम्मान। नारी घर भी देखती, करने जाती काम,सारे दिन वह व्यस्त रहे, करूँगी घर आराम।सास-ससुर का स्वप्न बहू घर-बार सम्हाले-ज़रा चूक हो गई तो … Read more

सर्द हवाओं का आलिंगन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सर्द हवाओं का आलिंगन, सिहरन तन-मन कर जाता है,बहुगर्म वसन उष्मित काया, नवप्रीत मिलन सुख पाता है।मन्द-मन्द गन्धमाद सुगन्ध, पल-पल रोमांच दिलाता है-रति राग प्रखर अनुराग शिखर, नवनीत मुखर मुस्काता है॥ तिमिरान्ध ओस फैले चहुँ दिशि, हिमपात धवल छा जाता है,तन-बदन एक आनंदित मन, ठिठुरन अतिरेक दिखाता है।हौले-हौले बहती … Read more

कलम हूँ सतरंगी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मैं कलम हूँ सतरंगी पट, इन्द्रधनुष बन खिल जाती हूँ,अन्तर्मन के ऊहापोह को, धवल पत्र पर मुस्काती हूँ।दर्पण अतीत में वर्तमान गढ़ जाती हूँ नव पथ भविष्य-कालचक्र संवेद हृदयतल सुख-दु:ख गाथा लिख जाती हूँ॥ गहन घटा श्यामल दवात मसि, इंतज़ार कलमें करती हूँ,मानव मन के निहित भाव को कलमों … Read more

नारी त्याग

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** निश्छल मन करुणा हृदय, नारी त्याग महान,सभी युगों ,कालों में उसकी शक्ति का गान।बदल रहा है रूप जो उसको है मन भाया-भरी उड़ान है उसने, करो सभी सम्मान॥ नारी घर भी देखती करने जाती काम,सारे दिन वह व्यस्त रहे कब पाती आराम।सास-ससुर की सेवा है कर्तव्य उसी का-ज़रा चूक हो गई तो … Read more

बाँधी तुम संग जीवन डोर

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* सप्तपदी-सी मैंने बाँधी तुम संग जीवन डोर,तुम संग मेरी रात सुहानी हुई सुहानी भोर।प्रेम लालिमा सिंदुरी-सी मेरे मुख पर छाई-बिंदी, झुमके, कँगन, पायल के तुम हो सिरमौर॥ प्रेम प्यार की सीखी मैंने तुमसे परिभाषा,सुख-दु:ख में तुम साथ रहो, यह मेरी है अभिलाषा।हृदय बसते हो प्रियतम मेरे नैनों में तस्वीर-जनम-जनम का … Read more