बारिश बनी आफत

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************** बारिश ने कहर है ढाया,रिमझिम मौसम में है डराया,देवभूमि हिमाचल में ये कैसामौसम आपदा बनकर आया। पर्वत, पहाड़, सड़कें ढह गई,न जाने किसकी नजर है लगी!घर से बेघर हुए हैं लोग,खाने को नहीं मिलती रोटी। हाय! अपनों से बिछड़ गए,नहीं बची कुछ जीवन कमाईचीख, पुकार, दर्द से तड़पते,क्यों प्रभु को … Read more

दुखों की गहराई

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** दुखों की कहानीएक अनकही दास्तान,लेकिन दुखों में भीएक उम्मीद की किरण,एक शुरूआत की संभावनादुखों से सीखकरनई राह ढूंढना। नये जीवन की शुरूआतकी कहानी खोजना,एक नई सुबह की प्रतीक्षा मेंजीवन की सच्चाई को समझना। दु:ख के साए में हीजीवन की राहों को बनाना,दुखों की कहानी कोदिल की गहराई में दबाना। एक अनजान-सी दुनिया … Read more

प्रथम पूज्य ‘बप्पा’ की जय हो

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग मेंगजानन पधारे,विशाल या नन्हेंचतुर्थी पर,अपने रथ पर होकर सवारगाड़ी से उतरकर,हाथ में संदूक पकड़। पंडाल हुआ रौशन,मूषक राजा देख फैशनकभी बजाए बाजा,नाचे सुर-ताल पर। बच्चे-बूढ़े,खुश होकर बोलेबप्पा आए,हमारे द्वार। लाएँ खुशियों की बौछार,चरणों में उनके हम न्योछावरभक्त जन करते आरती देवा की,लिए मन में भक्ति अपार। सुबह-शाम … Read more

शिव-शंभू-शंकरा

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** शिव-शंभू, शिव-शंभू, शिव-शंभू शंकरा,मन से तेरी भक्ति जो कर ले, हो वो‌ खरा। देवों के देव करें भक्त का कल्याण यूँ,दारिद् दुःख भयंकर से भयंकर भी है हरा। सबकी सूरत में तेरी मूरत प्रणाम है,बता किसको अपना-पराया कहूं जरा। आदि हो, अनंत हो, तुम सबमें जीवंत हो,पाऊं हर रूप … Read more

हे दयावंत

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** हे एकदंत,हे दयावंत। गौरी के लाल,मस्तक विशाल। है भुजा चार,मुक्तन का हार। स्वागत में गान,मोदक औ पान। मूषक सवार,गणपति उदार। भक्तों की आन,रखते हैं ध्यान। प्रभु हैं विशेष,गणपति गणेश। धरूँ चरण नाथ,रहना तुम साथ। मेरी पुकार,करना स्वीकार॥

खेल बस जीभ का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* खेल समझ बस जीभ का, शब्द लपकती जान।अन्तर्मन के भाव से, गढ़े मान-अपमान॥ नवरस से जिह्वा लसित, उच्चारण स्थान।तनिक प्रमादित चूक हो, पतन समझ इन्सान॥ सावधान मन वञ्चना, जीभ बने मनमीत।शब्द फँसे मन जाल में, जीभ बिगाड़े प्रीत॥ नित जिह्वा हो लालची, वाणी फँसे कुचक्र।मर्यादा तोड़े कहीं, कहीं दिलाये … Read more

औरतें… कई बार

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* औरतें एक ही जीवन में कई बार मरती है,फिर कुछ फर्ज याद कर यूँ ही जी उठती है। घसीट-घसीट कर पैरों को दौड़ती-फिरती है,मरी हुई काया से ऐसे बदला निकालती है। धीरे-धीरे अपनी खुशी को मारती जाती है,कुछ इस तरह अपनी ज़िन्दगी गुजारती है। खुद के लिए शिकायतें करना छोड़ देती … Read more

घर में व्यस्त स्त्रियाँ

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ घर में व्यस्त स्त्रियाँ-अक्सर…क़ैद हो जाती हैं,दीवारों के बीचबुनती रहती हैं ख़्वाब…सजीले आँखों से,घर के कोनों को सजाती हैंअपनी वेदनाओं को,भित्ति चित्रों के रंगों में डुबोकरगाढ़ा कर… निखार देती हैं,स्वर्ण की तरह,तपती रहतीं हैंजीवन की पगडंडियों पर,चलते-चलते…सिंचित कर देती हैं,खेतों और खलिहानों को। घर में व्यस्त स्त्रियाँ-मृदंग-सी बजती रहती हैं,भावों … Read more

कहें आज घिनौना

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* शुभ-लाभ बुद्धि के प्रदाता को,क्यों ‘गोबर गणेशन’ कहते हैं ?मूर्खता से इन्हें किसने जोड़ा ?हम उनकी मजम्मत करते हैं। स्वतंत्रता आंदोलन की क्रांति,पहुंच चुकी थी हर गली-द्वारेविस्तार दिया एक परम्परा,गणेश विराजने चौक-चौबारे। इसी बहाने क्रांतिकारी जन,एक स्थान पर एकत्रित होतेपरतंत्रता की जड़ें काटने,स्वतंत्रता का पौधा बोते। हर हिंदू घर गोबर मृदा से,परतंत्रता … Read more

विपुल मति दायक गणेश

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** आए आए गजानन, होकर मस्त मलंग,भक्तवृंद दर्श मग्न, होत मंगल भगवन। वंदनीय सदा तुम, पूजनीय सदा तुम,अनुपम देह तुम, अग्रपूज्य भगवन। अभिनंदन हे! दिव्य, अभिनंदन हे!पूज्य,तुम अति अद्वितीय, पार्वती माँ के नंदन। चौकी चंदन सजाऊं, श्रद्धा से तुम्हें बिठाऊं,स्तुति रह रह गाऊं, विराजो शिवनंदन। हर्ष सिंगार कराऊं, पुष्प-दूर्वा मैं चढ़ाऊं,मोदक … Read more