बात समझो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** पेड़ लगाएं,जीवन होगा न्याराताप घटाएं। बात समझोसंकट सिर परजान जाएगी। पानी समाप्तबिगड़ जाए चक्रमनुज खत्म। कटते तरुसूखा बड़ा पड़ेगाकौन बचेगा ? दें योगदानप्रकृति को समझेंपानी सहेजें। ये जिंदगानीरोकें बारिश पानीबात सयानी। वन ना काटेंमौज-मस्ती खातिरपीड़ा को बाँटें। मौसम चक्रईश्वर बना रहारहेगा फक्र। वन बचाओमिलेगा हवा पानीचलेगी साँस। हो हरियालीलगे मन को अच्छाभाव … Read more

बदला जीवन, दिखाई राह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बुद्ध पूर्णिमा (२३ मई) विशेष… फैलाई सदाबुद्ध ने धर्म क्रांतिदेखा था हित। गौतम बुद्धप्रकाश का स्तम्भकिए सु-कर्म। खोजी पूर्णतासिखाई अहिंसा हीभाव करूणा। महा मनीषीसिद्ध सन्यासी बुद्धथे धर्मगुरु। थे सूत्रधारध्येय विचार क्रांतिदिया यूँ ज्ञान। किए कटाक्षबदला यूँ जीवनदिखाई राह। थे पक्षधरस्व पर विजय केजीत इसी से। बुद्ध ने कहाबुराई से बुराईनहीं मिटती। बुद्ध … Read more

हँसी ना छोड़ो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ‘विश्व हास्य दिवस’ (५ मई) विशेष… हँसो हँसाओ,यही रंग जिंदगीमुस्कान बाँटो। खुशी अद्भुत,इससे मिले शांतिहै उपहार। हँसना सुख,दवा भी, है दुआ भीयही है धूप। बनते रिश्ते,हँसी से बढ़े प्रेमछोड़ो न इसे। मिले उत्साह,जागता तन-मनमुस्कान राह। दिल से हँसो,है सकारात्मकतागम भुला दो। खुद यूँ हँसो,हर कोई मुस्काएतनाव भूले। उदासी तोड़े,सुख-दुःख पहियामुस्कान जोड़े। है … Read more

थकते नहीं, मजदूर हैं

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)… श्रम करतेसिर पर टोकरीथकते नहीं। भार उठातेकरते परिश्रमतपती धूप। औरों के हितनिज का परित्यागयही जीवन। सर्दी गरमीसबमें है समानफिर भी खुश। पर्व त्यौहारकोई मायने नहींमजदूर हैं॥ परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ … Read more

अटूट बंधन

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* दास्ताँ लिखोगीअटूट बंधन कीपढ़ेगा जग। निरंतर हैसंघर्ष ये जीवनसमझो इसे। कविता तुमउपन्यास तुमसेसाहित्य हम। धीरज नहींआतुर है मानवहोगा विनाश। तुलते रिश्तेपनपते हैं कहाँउपजे दूरी। फले-फूले यूँबीज मोहब्बत कारेगिस्तान में॥ परिचय–पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैl जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैl श्रीमती अलापुरिया का … Read more

राह दिखाती सदा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ‘विश्व पुस्तक दिवस’ विशेष… ‘पुस्तकें’,दोस्त हमारीसिखाती है जिंदगी,जीते हमजंग। ‘पुस्तकें’,गुरु-ज्ञानअनगिनत नसीहत देतीलाती रौशनीसफलता। ‘पुस्तकें’,परिवार भीअकेलेपन की साथी,छोड़ती नहींहाथ। ‘पुस्तकें’,चिंतन करातीघर, समाज, देश,बोलते हमसच्चाई। ‘पुस्तकें’,झूठी नहींइंसान की तरह,सच कहतीदुनियादारी। ‘पुस्तकें’,महकाती सदाउदास मन को,राह दिखातीभविष्य। ‘पुस्तकें’,दूरियाँ मिटातीसत्य पर चलाती,आदर्शवाद हैआशीर्वाद। ‘पुस्तकें’,साहित्य समाजतकनीक का समय,जिन्दा हैअस्तित्व। ‘पुस्तकें’,उड़ना सिखातीदेती कल्पना पंख,गहरा प्रभावमन। ‘पुस्तकें’,बचाती बचपनबाँटती संस्कृति-संस्कार।सदा पढ़ो,बढ़ो॥

खुशियाँ लाई

तृप्ति तोमर `तृष्णा`भोपाल (मध्यप्रदेश) **************************************** गुड़िया आईसंग खुशियाँ लाईहै फुलवारी। सूरत चंदाहै रोशन चेहरारौनक लाई। हो खुशहालीनन्हें सु-कदमों सेयही कामना। अकेलापनदूर किया इसनेहै उपहार। भाग-दौड़ मेंचिड़िया-सी चहकीसुकून लाई॥ परिचय–तृप्ति तोमर पेशेवर लेखिका नहीं है,पर प्रतियोगी छात्रा के रुप में जीवन के रिश्तों कॊ अच्छा समझती हैं। यही भावना इनकी रचनाओं में समझी जा सकती है। साहित्यिक … Read more

जागना होगा, वर्ना…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** ‘पृथ्वी दिवस’ विशेष… जागना होगामर जाएंगे वर्नाबचाओ धरा। दुनिया यहीसबका मूल्य जानोमत बिगाड़ो। हवा चाहिएमन-सुकून लिएपेड़ लगाओ। वायु चाहिएन हो प्रदूषणवन बचाओ। जल कीमतीकम हों रसायनपानी जीवन। दायित्व सच्चायही संस्कार देनाकर्तव्य बड़ा। नहीं दें पीड़ापहरेदार बनेंहोगा अस्तित्व। सृष्टि हमारीसबको दे पोषणबड़ी ही न्यारी। घोर संकटमत उजाड़ो धरास्थिति विकट। पृथ्वी रही तोहम जी … Read more

राम ही राह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** राम ही प्राणमर्यादा का पर्यायराम ही धाम। सत्य सूरतराम का जीवनकर्म मूरत। राम ही राहबनें जीवन-राजासबकी चाह। पुरूषोत्तमवचन है निभायाराम उत्तम। दुःख तमाममिला वनवास भीसंतोषी राम। है चारों धामचरणों में सुकूनखुशियाँ राम। प्रभु आशीषरहता जिस संगवो स्वयं राम। पुत्र राम-साहर मन प्रार्थनामिले मोक्ष-सा। राम ही हितलोक कल्याण रतत्याग सहित। हो निडरताधैर्य न … Read more

ख्वाब

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* बादल आएमन को बड़े भाएआनंदित मैं। होगी बारिशतुम्हारे आने परभीगेंगे हम। बुनता ख्वाबसदा बच्चों के लिएनि:स्वार्थ मन। परिचय–पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैl जन्म तिथि १२ अगस्त १९८० तथा जन्म स्थान दिल्ली हैl श्रीमती अलापुरिया का निवास नवी मुंबई के ऐरोली में हैl महाराष्ट्र राज्य के शहर मुंबई … Read more