झेंपने की बजाय अगले प्रयास की तैयारी करो

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ ये बात १८९८ की है, जब बनारस के क्वींस कॉलेज से मैट्रिक पास करने वाले छात्र ग्यारहवीं में प्रवेश के लिए कतार लगाए खड़े थे। एक छात्र ऐसा था, जिससे कहा गया कि तुम्हारे नंबर कम हैं इसलिए दूसरी जगह प्रयास करो। इसी साल एनी बेसेंट ने सेंट्रल हिंदू कॉलेज भी खोला … Read more

मैं बिजली विभाग का प्रमुख होता…

डॉ. शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** सरकारी दफ्तरों में जो बिजली सबसे ज्यादा जलती है, वह मीटर से नहीं, ‘कमीशन कनेक्शन’ से जलती है। और अगर बात हो इलेक्ट्रिकल विभाग की, तो समझिए यह विभाग बिजली का नहीं, चालाकियों का हाई वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर है;जहाँ तारों से नहीं, तरकीबों से करंट दौड़ता है। मैं जब किसी खराब बल्ब … Read more

नेताओं के ‘विष’ वमन पर अंकुश आवश्यक

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** देश की आजादी के इतने समय बाद भी नेताओं की जुबान नियंत्रित नहीं हो सकी है एवं राजनीतिक आग लगाने में नेता सबसे आगे हैं। एनसीपी विधायक जितेन्द्र आव्हाड द्वारा ‘सनातन’ मुद्दे पर जहर उगलने के बाद अब शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी फिर यही साबित किया है। इन्होंने अजीब … Read more

एआई:नौकरी संकुचन, बड़ी चुनौती

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** भारत जैसे युवाओं वाले और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देश में तकनीकी विकास के प्रति उत्साह हमेशा गहरा रहा है। डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप क्रांति और कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) जैसी तकनीकें समाज, राष्ट्र और अर्थव्यवस्था में तीव्र बदलाव की सारथी बनी हैं। हर वर्ग और क्षेत्र ने इस परिवर्तन को आशा एवं सकारात्मकता के … Read more

इंसानियत की देवी

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* तेज आंधी चल रही थी, अब धीरे-धीरे बारिश भी होने लगी थी, बीच-बीच में जोर से बिजली कड़क रही थी और मेरा मन डर के मारे बैठ जा रहा था कि बिजली भी गोल हो गई। ऐसे वक्त में अचानक एक कीड़ा, जो मुझे दिख नहीं रहा था ने मुझे डंक … Read more

मित्रताःरिश्तों की आत्मा और जीवंत संवेदना

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** मित्रता-ज़िंदगी विशेष… ‘मित्रता’ वह रिश्ता है, जो न रक्त से बंधा होता है, न किसी सामाजिक अनुबंध से, फिर भी यह जीवन का सबसे आत्मीय और मजबूत संबंध होता है। दोस्ती वह भूमि है, जहां प्रेम, विश्वास, अपनत्व, समर्पण और संवेदना एकसाथ अंकुरित होते हैं। इसी दुर्लभ और विशुद्ध भाव को सम्मान … Read more

न मस्ती-न झूला, बस भाग-दौड़…

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ तीज पर्व के २ नाम प्रचलित हैं-आसमान में उमड़ती-घुमड़ती काली घटाओं के कारण इस पर्व को ‘कजली (कज्जली) तीज’ और सावन की हरीतिमा के कारण ‘हरियाली तीज’ के नाम से पुकारते हैं। इस तीज पर्व पर ३ बातों के तजने (छोड़ने) का भी विधान भी पुस्तकों में मिलता है–छल कपट,झूठ दुर्व्यवहार और … Read more

सम्मान मिले हिन्दी को

कवि संगम त्रिपाठीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************************* आज हिंदी की वर्तमान दशा चिंतन का विषय है। दुनिया का एकमात्र लोकतांत्रिक देश, जिसकी अपनी कोई राष्ट्रभाषा नहीं है;वह भारत ही है। दुनिया में बहुत से देश हैं, जहां कई भाषा व बोली है; उसके बावजूद उनकी राष्ट्रभाषा है।हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं और सभी भाषाएं ज्ञान देती … Read more

शहरों से गाँवों तक डिजिटल मीडिया की क्रांतिकारी लहर

डॉ. शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** भारत में डिजिटल क्रांति ने अभूतपूर्व गति पकड़ी है। २०२५ तक भारत में इंटरनेट उपयोग कर्ताओं की संख्या ९० करोड़ को पार कर चुकी है, जिसमें ६० प्रतिशत से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। स्टेटिस्टा के अनुसार ग्रामीण भारत में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या ४० करोड़ से अधिक हो गई है, … Read more

जेब-कतरे परेशान…

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** जबसे ऑनलाइन भुगतान आरम्भ हुआ है, तब से आदमी ने तो जेब में पैसे रखना बंद कर दिया है। अब वे जेब में क्रेडिट कार्ड रखते हैं, या मोबाईल से भुगतान करते हैं। इस कारण हमारे समाज का एक जेब-कतरा वर्ग बेरोजगार हो गया है…। इतना खतरा मोलकर जब … Read more