हमारा ज़माना

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* “देखो नई बहू, छोटे जेठ जी तुम्हारे लिए कितना सारा श्रृंगार का सामान लाएं हैं।” सासू जी ने अपने कमरे से आवाज़ लगाई।मैं और छोटी जेठानी झट से सासू माँ के कमरे में गई।जेठ जी ने सासू जी के सामने ढेर सारा सामान फैला रखा था… चमचमाती चूड़ियाँ, बिंदिया के कई … Read more

वृद्ध बोझ नहीं, परंपरा और मूल्यों के संरक्षक

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** ‘अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस’ (१ अक्टूबर) विशेष… संयुक्त राष्ट्र संघ ने १ अक्टूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस’ के रूप में घोषित किया है। इसका उद्देश्य वृद्धों के अधिकारों, उनकी गरिमा और उनके योगदान को रेखांकित करना है। यह दिन हमें यह सोचने को विवश करता है कि जीवन के इस अंतिम पड़ाव में, … Read more

अभिनंदन, मुख्य न्यायाधीश पवन कुमार भीमप्पा बजंथ्री ने जनहित मेें सीखी राजभाषा हिंदी

देश-दुनिया के बहुत सारे लोगों को ध्यान होगा कि वर्ष २०२२ के पूर्व पटना उच्च न्यायालय में पटना उच्च न्या. के न्यायाधीश न्यायमूर्ति पवन कुमार भीमप्पा बजंथ्री (अब पटना उच्च न्या. के मुख्य न्यायाधीश) और पटना उच्च न्या. के अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद के बीच बहस का एक वीडियो सामाजिक मीडिया पर बहुत प्रसारित हुआ था। … Read more

सम्मान करें, क्योंकि नदी बचेगी तो जीवन बचेगा

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** ‘विश्व नदी दिवस'(२८ सितम्बर) विशेष… नदियाँ मात्र जलधाराएं नहीं हैं, वे जीवन की धमनियाँ हैं, सभ्यता की जननी हैं और प्रकृति का शाश्वत उपहार हैं। मानव सभ्यता का इतिहास गवाह है कि हर संस्कृति और हर महान नगरी का उदय नदियों के तट पर हुआ। गंगा, सिंधु, नील, अमेज़न, यांग्त्सी जैसी नदियाँ … Read more

बेटी है तो कल है

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ ‘अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ (२८ सितंबर) विशेष… बेटियाँ हर परिवार के लिए बहुत ही भाग्यशाली होती है, क्योंकि सनातन संस्कृति वाले उसे पूजनीय मानते हैं। वह दुर्गा, काली, सरस्वती, लक्ष्मी का स्वरूप होती है। इसलिए कन्या हमारे समाज को आपस में एकता के सूत्र में बंधे रखती है, जिससे परिवार में … Read more

जीवन की जड़ें पूर्वजों में, हम उनके ऋणी

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)… भारतीय समाज एवं संस्कृति में माता-पिता व गुरु को विशेष श्रद्धा व आदर दिया जाता है, उन्हें देवतुल्य या ईश्वर स्वरूप माना जाता है। माता-पिता अथवा पूर्वजों के प्रति श्रद्धा एवं आदर भावना जीवन पर्यन्त तक निभाना भी भारतीय समाज की संस्कृति का … Read more

वंचित के उत्थान का संकल्प बने नए भारत का आधार

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** ‘अन्त्योदय दिवस’ (२५ सितंबर) विशेष… भारत की सांस्कृतिक और दार्शनिक चेतना में सदैव यह विचार रहा है कि समाज की वास्तविक उन्नति तभी संभव है, जब समाज का सबसे अंतिम व्यक्ति-वह व्यक्ति जो सबसे अधिक उपेक्षित, वंचित और अभावग्रस्त है, उसके जीवन में भी सुख, सम्मान और समृद्धि का प्रकाश पहुँचे। यही … Read more

नवरात्र पर्व:श्रद्धा, शक्ति, साहस और ज्ञान का प्रतीक

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ प्रतिवर्ष आने वाला नवरात्र पर्व माँ दुर्गा की आराधना के साथ ही आत्मचिंतन और सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा का अवसर भी है। माँ दुर्गा के नौ रूप, जिन्हें हम नवदुर्गा या नवरात्र कहते हैं, हर दिन नई चेतना व सामाजिक संदेश लेकर आता है। आज के समाज में व्याप्त चुनौतियों से निपटने … Read more

मैया का आगमन

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* कल गाँव से नाशिक की ओर आते हुए एक दिलचस्प और भक्तिभरा नजारा सामने आया। २१ सितम्बर से नवरात्री उत्सव शुरू हुआ है, तो सम्पूर्ण भारतवर्ष में माँ भगवती की प्रतिमा स्थापित करके ९ दिन भगवती के विविध रूपों का जागरण होगा और रास गरबा, डांडिया नाच के आयोजन से सारा … Read more

तने हुए लोग… क्यों ??

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* नहीं अच्छा लगता…बाण पर कसे तीर जैसे हमेशा कसे हुए रहना। हर वक्त बेवजह चौकस तने हुए रहना, जैसे बस अभी ही युद्ध छिड़ने वाला हो… जैसे आज ही प्रलय आ जाएगा, जैसे पूरे देश का खर्चा-पानी यही चला रहे हैं। क्यों लोग खिलखिलाकर हँसने को शिष्टाचार के ख़िलाफ़ समझते हैं…? … Read more