‘विद्या’ को वास्तविकता और नैतिकता से जोड़ना आवश्यक

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************** शास्त्रों में वर्णित वाक्य के अनुसार विद्याधन सब धनों में श्रेष्ठ है। सही कहा गया है कि अन्य धन चुराए जा सकते हैं, परंतु विद्या धन को कोई नहीं चुरा सकता। आज के बदलते आधुनिक परिवेश में विद्या धन भी डिग्रियों तक सीमित हो गया है। आज के छात्र केवल … Read more

जनता के कथाकार ‘प्रेमचंद’

कमलेकर नागेश्वर राव ‘कमल’,हैदराबाद (तेलंगाना)*************************************************** ◾सारांश-प्रेमचंद जी की उपन्यास एक से अधिक उनकी कहानियों में सामयिकता के अनेक चित्र भरे पड़े हैं। दहेज प्रथा और अनमेल विवाह के सजीव चित्रण ‘निर्मला’ उपन्यास और ‘कुसुम’, ‘उद्धार’ आदि कहानियों के माध्यम से विश्व के सम्मुख आए हैं।प्रेमचंद जी किसानों को शोषण और दमन से बचाना चाहते थे। … Read more

माया मिली ना राम, क्या होगा…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ राजनीति की गलियों में चुनाव के समय सब अपने-अपने स्तर पर गोटी फिट करने में लगे रहते हैं, क्योंकि जहां आस है, वहीं विश्वास भी है। शोर-शराबे की दहलीज को पार कर अमर्यादित टिप्पणी व भाषाओं के तर्पण में ‘मत’ की तलाश में रहते हैं लोग…, क्योंकि शतरंज की राजनीतिक … Read more

जीत से उभरी नई उम्मीदें और गहरी चुनौतियाँ

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** बिहार का यह चुनाव केवल एक राजनीतिक मुकाबला नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की चेतना, जनता के विश्वास और नेतृत्व की विश्वसनीयता को परखने का अवसर भी था। परिणाम जिस तरह सामने आए, उन्होंने न केवल बिहार;बल्कि पूरे देश एवं दुनिया को चौका दिया। यह जीत केवल गठबंधन की सामूहिक ताकत की नहीं, … Read more

सीमा सड़क संगठन द्वारा राष्ट्रपति के आदेशों का सतत उल्लंघन

प्रति, माननीय संयुक्त सचिव,राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय,भारत सरकार, नई दिल्ली-११०००१ विषय:-सीमा सड़क संगठन द्वारा राजभाषा अधिनियम १९६३, राजभाषा नियम १९७६ तथा राष्ट्रपति के आदेशों का सतत उल्लंघन। महोदय, सविनय निवेदन है, कि सीमा सड़क संगठन (रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रमुख विभाग) द्वारा राजभाषा अधिनियम १९६३ की धारा ३(३), राजभाषा नियम १९७६ के नियम ५, … Read more

प्राधिकरण द्वारा संघ की राजभाषा नीति का खुला उल्लंघन

सेवा में,संयुक्त सचिवराजभाषा विभाग, गृह मंत्रालयएनडीसीसी-II भवन, ‘बी’ विंग, चौथा तल, जय सिंह रोड, नई दिल्ली – ११०००१ई-मेल : jsol@nic.in विषय:-पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा राजभाषा हिंदी के अनुपालन में विफलता की शिकायत। महोदय, सादर निवेदन है कि मैं पत्र के माध्यम से पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा राजभाषा नीति और … Read more

संवेदना

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ आरवी और गर्व दोनों में दोस्ती थी। उन दोनों के बीच क्लास में प्रथम पोजीशन के लिए हमेशा कॉम्पीटिशन रहता था। इधर, कुछ दिनों से गर्व को बार-बार बुखार आ जाता था। वह कमजोर भी होता जा रहा था। जब उसके पापा ने उसको दिल्ली ले जाकर सब टेस्ट कराए तो मालूम … Read more

फिर से मनुष्य बनें, करुणा जगाएं

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** ‘विश्व दयालुता दिवस’ (१३ नवम्बर) विशेष… आज का मनुष्य जितनी तीव्रता से भौतिक प्रगति कर रहा है, उतनी ही तेजी से मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं से दूर होता जा रहा है। विज्ञान ने जीवन को सुविधाजनक बनाया है, परंतु उसने मनुष्य को आत्मकेंद्रित भी कर दिया है। प्रतिस्पर्धा, उपभोगवाद, स्वार्थ और सत्ता … Read more

आत्मघाती होती शिक्षा प्रणाली

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** भारत की शिक्षा प्रणाली को लेकर समय-समय पर प्रश्न खड़े होते रहे हैं। शिक्षा की विसंगतियों एवं दबावों के चलते भी अनेक सवाल खड़े हैं। इन्हीं से जुड़ा यह एक बेहद हृदय विदारक और चिंताजनक तथ्य है कि एक वर्ष देश में लगभग १४ हजार शालेय बच्चों ने आत्महत्या कर ली। इस … Read more

‘रेवड़ी संस्कृति’ लोकतंत्र का आधार नहीं

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** बिहार की राजनीति एक बार फिर चुनावी रंग में रंग चुकी है। हर चुनावी सभा में, गली-मोहल्ले से लेकर सोशल मीडिया तक मुफ्त रेवड़ियों की घोषणाओं और वादों की बाढ़ आई हुई है। यह चुनावी मौसम पहले की तरह इस बार भी ‘रेवड़ी संस्कृति’ से सराबोर है। महागठबंधन हो या एनडीए-दोनों गठबंधन … Read more