अनिश्चित भविष्य से दुःखी युवाओं की चिंता करें सरकार
ललित गर्ग दिल्ली*********************************** पिछले कुछ दशकों तक यह मान्यता रही कि जीवन की मध्य आयु वर्ग (४०-५० वर्ष) के लोग ही सबसे अधिक अवसादग्रस्त, तनावग्रस्त, क्रोधित और दुखी होते हैं। युवावस्था और बुजुर्गावस्था अपेक्षाकृत अधिक प्रसन्न और संतुलित मानी जाती थी, लेकिन हाल के वैश्विक अध्ययनों ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है। … Read more