बिहार: राहुल गांधी की नाकाम राजनीति का भी द्योतक ‘तेजस्वी’

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** बिहार विधानसभा चुनाव में सतरंगी रंग देखने को मिल रहे हैं।आखिर उस घोषणा का रंग भी देखने को मिल ही गया, जिसका सबको इंतज़ार था। आखिरकार तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया गया है। यह निर्णय ‘देर आए, दुरुस्त आए’ की कहावत को चरितार्थ … Read more

फुर्सत के पल और ओटलों पर हम…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ सुख में या खुशियों की इस अमर बेला में हर कोई अपने अपने घरों की ओर बढ़ता जा रहा है। हम और हमारी आस्था में जो संस्कृति व सभ्यता के अनुरूप एक तरह के अपनेपन वाली बात होती है। वह पर्व, खुशियों, त्योहारों की मस्ती और परिवार के साथ हम … Read more

आसरा

डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्लइन्दौर (मध्यप्रदेश)***************************************** “तुम्हारी आँखें झपकी जा रहीं…. तुम सो जाओगे और देखना दीए बुझ जाएंगे !”“अभी तक बुझे क्या…? तू आराम से सो, मैं दीयों को नहीं बुझने दूंगा, दीयों में तेल डालता रहूंगा।”घरवाली ने आँखें बंद कर ली। इधर, उसने बीड़ी सुलगा ली ताकि नींद उड़ सके। नींद थी कि जाने … Read more

आत्मनिर्भरता

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** “अरे दीदी! धन्य भाग्य जो आप इधर आईं। देखो, आज आपके सिखाए हुए हुनर से हम रोजाना काफी पैसे कमा लेती हैं। मैं सूट की सिलाई करती हूँ और ये जो अनिता है ना, यह सूट के बचे हुए कपड़ों से डिज़ाइनर फ्राॅक बना देती है। आपके समझाने पर मेरे एक भाई … Read more

आत्मिक उजाले का महापर्व ‘दीपावली’

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… ‘दीपावली’ केवल दीपों का ही पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मा के भीतर बसे अंधकार को मिटाने की साधना का अनुष्ठान है। यह भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जो जन-जन के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली का उजास फैलाती है। इस उत्सव की श्रृंखला धनतेरस … Read more

सामाजिक-सांस्कृतिक धुरी है आलोक पर्व

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… आलोक पर्व अंधकार से प्रकाश का पर्व है। यह पर्व-त्यौहार आशा और सकारात्मकता के साझा उत्सव में विविध पृष्ठभूमि के लोगों को एकजुट करता है। इस आलोक पर्व की जीवंत सजावट, आतिशबाजी और सामुदायिक दावतों से समाज में एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा मिलता … Read more

‘धन’ को समाज की समृद्धि का माध्यम बनाएं

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** धनतेरस (१८ अक्टूबर) विशेष…. ‘धनतेरस’ का पर्व पंच दिवसीय दीपोत्सव की पवित्र श्रृंखला का आरंभिक द्वार है। यह केवल सोना-चाँदी, वस्त्र या बर्तन खरीदने का शुभ दिन नहीं, बल्कि धन के प्रति हमारी सोच को पुनर्संतुलित करने का अवसर है। भारतीय संस्कृति में धन को सदैव देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया … Read more

मानक और सुरक्षा उपायों की कोताही क्यों ?

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** २ राज्यों (राजस्थान और मध्यप्रदेश) में कफ सिरप से जुड़ी बच्चों की मौत की घटनाएं देश की दवा नियामक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। यह केवल एक चिकित्सा त्रुटि या आकस्मिक दुर्घटना नहीं, बल्कि उस तंत्र की विफलता का प्रतीक है जिस पर जनता अपने जीवन की रक्षा के लिए … Read more

गड़बड़झाला… ध्यान दो सरदार

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ अब तो पूरे देश में उत्सव की ज्योति प्रकाशमान होने वाली है। त्योहार व पर्व की मस्ती में नए जमाने के सुकून के पल नहीं, भागम-भाग की दौड़ है। इसलिए रेडिमेड का दौर है, सब चीजें बनी- बनाई चहिए सभी को। बुजुर्ग वर यह तमाशा देख कर मुस्काते हैं और … Read more

सीखने की जिद और जोखिम का नाम ‘अमिताभ बच्चन’

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ जन्म दिवस (१२ अक्टूबर) विशेष…. कुछ दिन पहले कहीं पढ़ा था कि अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ट्वीट किया, “हर पल जीवन का, कुछ न कुछ सिखाता है, क्षमता कम ना हो सीखने की, समय यही सिखाता है।”हम सभी अपने जीवन में हर पल सीखते रहते हैं, परंतु इस बात को समझने और … Read more