गंध व रसतत्व से तृप्त होते हैं पितर
राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** प्राय: कुछ लोग यह शंका करते हैं कि श्राद्ध में समर्पित की गईं वस्तुएँ पितरों को कैसे मिलती है ?कर्मों की भिन्नता के कारण मरने के बाद गतियाँ भी भिन्न-भिन्न होती हैं। कोई देवता, कोई पितर, कोई प्रेत, कोई हाथी, कोई चींटी, कोई वृक्ष और कोई तृण बन जाता है। तब मन … Read more