‘क्षमा’ कमजोरी नहीं, आत्म ‘अलंकार’

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** यह बिल्कुल सत्य है, कि क्षमा आत्मा का अलंकार है किंतु हर सिक्के के २ पहलू होते हैं। क्षमा करना बहुत अच्छी बात है, उससे रिश्ते मधुर बने रहते हैं लेकिन कभी-कभी हमारे शत्रु हमारे क्षमा भाव को हमारी कमजोरी भी समझ लेते हैं। क्षमा करना सहनशीलता और सहनशक्ति की निशानी है। … Read more

श्रेष्ठ विद्यार्थी और चिंतन के प्रतीक गणेश जी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** गणेश जी के रूप में एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश छिपा है। श्री गणेश के रूप में हमें एक श्रेष्ठ विद्यार्थी और चिंतक के दर्शन होते हैं। उनका स्वरुप मोहक है। सरल है, व्यापक भी है। उनकी व्याप्ति अनंत है। वे कलाकारों के प्रिय पात्र और बच्चों के प्रिय देवता हैं। वे जिज्ञासुओं … Read more

मुखौटा…

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ “मिसेज शर्मा, आज बेटी के जीवन के लिए इतना खास दिन था, उसको आज गोल्ड मेडल मिलने वाला था, तब भी आप अकेली ही आई हैं…?मैंने मि. शर्मा को खास तौर से फोन करके आज आने के लिए इनवाइट भी किया था।”पलभर के लिए वह रुआँसी हो उठी थी, लेकिन झट उसका … Read more

काश! प्राचार्य होता!

डॉ. शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** काश! मैं किसी कॉलेज का प्राचार्य होता-बस एक डिग्री फ्री रजिस्ट्रेशन भरने की बजाय पावर-पैक खाता हाथ में होता। यह पद केवल ‘शैक्षणिक जिम्मेदारी’ नहीं, बल्कि एक लाइफ-स्टाइल लाइसेंस होता, जो सुबह से शाम तक प्राचार्य स्टाइल में बिताने की अनुमति देता। कॉलेज में क्लास रूम की घंटी छात्रों के लिए … Read more

भारत चाहता है-युद्ध का नहीं, शांति का दौर बने

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** दुनिया आज एक ऐसे दौर से गुजर रही है, जहां युद्ध और हिंसा ने सभ्यता की प्रगति को खतरे में डाल दिया है। रूस-यूक्रेन संघर्ष इसके ताजे उदाहरण के रूप में हमारे सामने है। इस युद्ध ने न केवल यूरोप की स्थिरता को हिलाकर रख दिया है, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को … Read more

संसद:संवाद-काम कम, हंगामा अधिक, लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार ?

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** लोकतंत्र की सबसे बड़ी पहचान उसकी संसद होती है। संसद वह संस्था है, जहां जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि राष्ट्र की नीतियों, योजनाओं और कानूनों पर विचार-विमर्श करते हैं। यह वह सर्वाेच्च मंच है जहाँ विभिन्न विचारधाराएं और दृष्टिकोण टकराते हैं और देशहित में समाधान निकलता है, लेकिन दुर्भाग्यवश आज भारतीय संसद … Read more

भारत की बुलंदी और सशक्त लोकतंत्र विश्व के लिए एक सबक

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ हमने आजादी के ७८ गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए हैं। १५ अगस्त हमारे लिए सिर्फ एक तारीख नहीं है, वरन् हमारे पूर्वजों के बलिदान, संघर्ष और अडिग संकल्प का अमिट प्रतीक है। २०४७ तक विकसित भारत के लक्ष्य को सामने रखते हुए हम सब नए इरादे और नई उम्मीदों के साथ आगे … Read more

चिंता छोड़ सार्थक चिंतन करें

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** यह तो हमें ही तय करना है, कि हम केवल चिंतन की चिंता करते रहें या उस पर कुछ अमल भी करें ? जो करना है, उसकी केवल चिंता करने से तो काम नहीं होगा। काम तो अमल करने से ही होगा। लोग ऐसे हैं, कि समस्या पर सिर्फ चिंता ही करते … Read more

रामघाट से अद्भुत जीवन दर्शन

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* गोदावरी के रामघाट पर मैं अक्सर जाता रहता हूँ, कितना विविधता भरा और अनोखा स्थल है यह। हमेशा से ही मुझे वहाँ गंगा-जमुनी तहजीब का साक्षात्कार होता आया है, साथ ही गजब का सांस्कृतिक समागम भी। गोदावरी का यह वही घाट है, जहाँ भगवान राम ने वनवास के दौरान पिता दशरथ … Read more

सी.पी. राधाकृष्णन:उम्मीदवारी से कई निशाने लगाए भाजपा ने

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राजग ने चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करके एक तीर से अनेक निशाने साधे हैं। भाजपा ने बहुत सोच-समझकर उन्हें इस प्रतिष्ठित पद का उम्मीदवार बनाया है। वे तमिल हैं, पिछडे़ हैं, संघ से जुड़े हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पुराने … Read more