कदम बढ़ाया है

कुमारी ऋतंभरामुजफ्फरपुर (बिहार)************************************************ नारी जागरण की बेला में, हमने कदम बढ़ाया है,गॉंव-गॉंव, गली-गली की नारियों को जगाने की शपथ उठाई हैमन व्याकुलता से भरा हुआ, मन अब भी दुखदाई हैनि:स्वार्थ भाव से सबको राह दिखाएंगे,अब हम तो बस यही राह अपनाएंगेअपना दुःख छिपाकर हमने, सबकी राहें जगाने की ठानी है,नारी शक्ति तेरे अंदर, हमें बस … Read more

चाँद मेरे हो

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** चाँद मेरे हो तुमचाँदनी मैं तेरी,राग तुम हो मेरेरागिनी मैं तेरी। तुम हो दीपक अगरमैं तो बाती बनी,तुम हो गुनगुन भँवरमाला सुरभित बनी। तुम जो आकाश होमैं हूँ शीतल धरा,तुम अगर जाम होमैं हूँ प्याला भरा। हूँ तेरे साथ मैं,साथ तुम हो मेरे।स्वप्न होते मेरेअब पूरे अधूरे। गीत मैं हूँ तेरी,मीत मैं … Read more

उत्सव… उमंग

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* जीने की उमंग जगाते हैं,व्यस्तता से खुशी चुराते हैंउत्सव जब गृह में आते हैं,सुंदर वर्तमान बनाते हैं। वह उत्सव ही तो होते हैं,अपनों की पहचान कराते हैंपरिवार का महत्व बताते हैं,ज़िंदगी को संपूर्ण बनाते हैं। यात्राएं कराते हैं, मस्ती में रमाते हैं,सुस्त-सी ज़िंदगी, ज़िंदादिल बनाते हैंभूले पकवानों का स्वाद दिलाते हैं,संस्कार, … Read more

उत्तर व दक्षिण भारत के भाषा-सेतु ‘सुब्रह्मण्यम भारती’

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** ‘भारतीय भाषा दिवस’ (११ दिसंबर) विशेष… तमिल भाषा के सुप्रसिद्ध कवि महाकवि चिन्नास्वामी सुब्रह्मण्यम भारती (‘महाकवि भारतियार’) को भारत और भारतीय भाषाओं की एकात्मता के लिए याद किया जाता है। सुब्रह्मण्यम भारती का जन्म ११ दिसंबर १८८२ को तमिलनाडु के तूतुकुड़ी ज़िले के एट्टयपुरम् गाँव में हुआ। पिता चिन्नास्वामी अय्यर तमिल … Read more

स्त्रियाँ और चट्टानें

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ स्त्रियाँ…टूटती नहीं हैं, तोड़ दी जाती हैं,गुजरते वक़्त की मार से जैसे-मार्ग में पड़ी कोई चट्टान,लगातार सहते आघातों सेरेत हो जाती है, वैसे ही…बहुत धीरे से, मौन के बीच, विश्वास तले,मिट्टी के घड़े-सी चूर हो जाती हैं। स्त्रियाँ…काँच की तरह, बिखरती नहीं है,बस… खुद को समेटना छोड़ देती हैंजैसे कोई … Read more

साहित्य अकादमी ने मांगी प्रविष्टि

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उदयपुर (राजस्थान)। वर्ष २०२५-२६ में राजस्थान साहित्य अकादमी ने विभिन्न सहयोग योजनाओं में प्रविष्टियाँ माँगी है। पांडुलिपि सहयोग, प्रकाशित ग्रंथ सहयोग, साहित्यिक पत्र-पत्रिका सहयोग और साहित्यकार आर्थिक सहयोग योजनाओं के लिए प्रांत के साहित्यकार यह ३१ दिसंबर तक भेज सकते हैं।अकादमी की प्रशासक (संभागीय आयुक्त) प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि योजना अंतर्गत पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग … Read more

नये साल में

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सभी अधूरे सपने मेरे, पूरे होंगे नये साल में,अरमानों में रंग भरेंगे, नहीं फंसेंगे मकड़ जाल में। अब तक जो भी रहे अधूरे, सपने वे मुस्काएंगे,हमको देकर के खुशियाँ वे, मंज़िल आज सजाएंगे। नहीं निराशा संग रहेगी, मातम को दफनाएंगे,कर्म करेंगे नये साल में, मंगल गीत सुनायेंगे। जाने वाले का वंदन … Read more

कुछ रूमानी, कुछ सुहानी

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* ठंड की तासीर धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। पारा दिन-ब-दिन लुढकता ही जा रहा है। सुबह-शाम ठंड की चुभन बढ़कर रजाई लपेटने की चाह बढ़ती जा रही है। शहर की चारदिवारी से निकलकर इन दिनों मैं गाँव की ठंड महसूस कर रहा हूँ। बड़ा मजेदार अनुभव है-दिन में चमचमाती गुनगुनी-सी धूप … Read more

श्री राम नाम की ज्योति जले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* श्रीराम नाम की ज्योति जले, मन-मंदिर उजियारा हो,करुणा की गंगा बह निकले, हर द्वारे प्रेम धारा हो। रघुनंदन की मधुर छवि में, बस जाए जीवन-राग,सत्य, शील, मर्यादा से, मिट जाए मन का दाग। वन-पथ भी पावन बन जाए, जब चरण पड़े सुकुमार,त्याग तपस्या की मूरत हो, राम हमारे आधार। … Read more

झुलसती संवेदनाएं और नाकाम व्यवस्था

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** एक बार फिर एक भीषण आग ने २५ मासूम जिंदगियों को छीन लिया। गोवा के नाइट क्लब में हुई यह त्रासदी केवल आगजनी नहीं, बल्कि हमारे तंत्र की जड़ता, गैर-जिम्मेदारी और नैतिक पतन की ज्वलंत मिसाल है। जो क्लब आग की चपेट में आया, वह नियमों की अनदेखी करके तो चलाया ही … Read more