प्यार के जज़्बात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* प्यार के जज्बात हैं लेकिन नहीं हालात हैं।ज़िन्दगी सजती जहाॅं, मिटते वहीं जज्बात हैं।प्यार के जज्बात हैं… मैं कहाॅं रुक कर किसे कब प्यार के…

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तुमने न मानी हार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... जादू बिछा दिया धरती पर,तुमने श्रमिक न मानी हारजीवन हरियाली बो-बोकर,सुखद बनायी तुमने राह। स्वर्ग धरा को बना दिया है,निज कर से…

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यमराज और मैं…

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** नींद खुली तो किसी को सामने पाया, मैंने कहा-"पहचाना नहीं ?" उसने कहा-"मैं यमरा-ज हूँ।"यह सुनकर मैं काँप गया और यमराज जी की नीयत भांप…

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पसीना बहाते रहे

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... सुख की खातिर दुखों को उठाते रहे,राह में नित पसीना बहाते रहे। बारिशों से कभी हार माने नहीं,गर्मियों में सड़क…

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नृत्य कला अनुपम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* आनंदित हो उठे जब तन-मन,भावों के तीर चलाए मृगनयनी नयन। उमंग भरी भावनाओं को मिले एक नई तरंग,लिए सपने सतरंग। बाजे मृदंग, गीतों के हिंडोलों पर,नृत्य…

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मजदूरी तकदीर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जीवन संघर्ष (मजदूर दिवस विशेष)... भार धरा शाश्वत शिरसि, अथक वेदना चूर।कहता है ख़ुद दास्तां, दीन- हीन मज़दूर॥ पड़े फफोले हाथ में, घायल पैर…

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‘उड़ान’ ने कराई काव्य गोष्ठी

लखनऊ (उप्र)। उड़ान समूह द्वारा त्रैमासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन संजय 'सागर' (संस्था उपाध्यक्ष) के आवास पर किया गया। संरक्षक मनोज शुक्ला 'मनुज' द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर माँ शारदे को…

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विविधवर्णी हैं ओम जी की लघुकथाएँ-अनिता रश्मि

सम्मेलन... पटना (बिहार)। क्षणाँश में गंभीर रूप से विचारणीय बात कहती है लघुकथा। लघुकथा विधा ने आज वैश्विक स्तर पर पहचान बना ली है। फिर भी सबसे अधिक प्रयोग, सीख,…

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मेल-मिलाप घट रहा…

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** वर्तमान की जिंदगी, हुई आज अति व्यस्त।मोबाइल चहुँओर है, मनुज लीन अरु मस्त॥ आज दूरियाँ बढ़ रही, फैला जो यह यंत्र।मेल-मिलाप कम हुए, टूटे बंधन तंत्र॥…

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हमें सम्भालो…

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मैं तो बहुत ही इज्जतदार हूँ मित्र,क्योंकि भगवान् नाम, दिया है पैसामेरी इज्जत करो, करूँगा मालामाल,वरना बनोगे भिखारी, रहोगे फटेहाल।  सच कहता हूँ, मनुष्य मुझसे डरते…

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