पितर करें खुशियों की बौछार

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** पितृ पक्ष विशेष….. श्राद्ध पक्ष में पितरों को,न्योता देते लोग,छत पर भोजन को रखे,आओ लगाओ भोग। काक रूप पितर धरते,ऐसा सारे मान,कौवन-कौवन कहत है,दे आदर-सम्मान। रही धर्म की मान्यता,चली जुआद-जुगाद,खुश होते हैं पितर यूँ,रखते सुख आबाद। खीर-पूरी परोसते,रखते पीपल पात,छत चढ़ आव्हान करते,मन में खुशी जतात। श्राद्ध दिए निश्चिंत बने,मन में … Read more

मेरे बचपन वापस आजा

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** दुनिया सारी देख चुका हूँ,उम्र पार हो गई है छप्पन,मेरे बचपन वापस आजा,वापस आजा मेरे बचपन। वह अल्हड़-बालपन मस्ती,जिसमें भरा था नचपन,छत गली मैदानों में डेरा,वह खुशहाल खुला आँगनखाना-पीना था बेफिक्र हो कर,दूध-दही व मक्खन,अब तो नींद भी आती नहीं,बस दिखते हैं वही स्वप्न।मेरे बचपन वापस आजा,वापस आजा मेरे बचपन… अंतरराष्ट्रीय … Read more

आशीष सदा देते हमको

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* पितृपक्ष विशेष….. श्रद्धा का ही नाम श्राद्ध है,श्रद्धा से हम श्राद्ध करकेपितरों का करते हैं सम्मान,सदा देते हैं उनको मान। अश्विन मास के प्रथम पक्ष में,पावन दिन ये आते हैंगंगा नदी में या फिर गृह में,पूजन-तर्पण करवाते हैंवर्ष और तिथि दिन का,भी रखते हैं हम ध्यान।सदा देते हैं उनको मान… पितर हमारे … Read more

सोए संस्कार को जगाएंगे

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** यह दुनिया है एक फुलवारी,यहां रंग-बिरंगे फूल खिलते हैंबात करूं मैं संस्कारों की तो,आजकल राम नहीं मिलते हैं। बिहार देखा बंगाल देखा,और देख चुका मैं चहुँओरबेटा तो मैंने घर-घर देखा,श्रवण दिखा ना कहीं ओर। प्रगति की ओर सभी बढ़ते हैं,ज्ञानीजन भी अब घर-घर मिलते हैं।आधुनिकता की इस भयानक दौड़ में,हरिश्चंद्र,बाली,कर्ण … Read more

राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** जन्म दिवस (२ अक्टूबर) विशेष… लाल बहादुर शास्त्री हिन्दुस्तान के स्वर्णिम इतिहास में…एक ऐसा नाम…एक ऐसा किरदार…एक ऐसा व्यक्तित्व और एक ऐसा राजनेता थे,जिन्हें आज किसी पद,प्रतिष्ठा से नहीं,बल्कि सादगी,ईमानदारी व निर्णय क्षमता के आधार स्तम्भ के रूप में जाना जाता है। शास्त्री जी २१वीं सदी की युवा पीढ़ी के दिलों … Read more

वे भी क्या दिन थे…

प्रत्यूषा जैनइन्दौर (मध्यप्रदेश)*********************************** वे दिन भी क्या दिन थे,जब हम स्कूल जाते थेसाथ पढ़ते-साथ खेलते,साथ में खाना खाते थे। याद आते अब वह दिन,जो स्कूल में बिताएदोस्तों के संग खूब खेले,और झूमे,नाचे गाए। पहले तो हम स्कूल को,बोझ समझते थेपर अब पता चला,वह स्कूल नहीं,घर था। अब दिल में फिर से,एक उम्मीद जागी हैजो बंजर … Read more

शास्त्री जी के हर वाकये में सीख

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)*********************************************** जन्म दिवस (२ अक्टूबर) विशेष….. सभी जानते हैं कि,२ अक्टूबर को सादगी की प्रतिमूर्ति लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिन है।यह भी जानते होंगे कि यह गाँधी जी को अपना गुरु मानते थे और उन्हीं से उन्होंने सादगी और देश के प्रति प्रतिबद्धता सीखी। एक बार उन्होंने गाँधीजी के लहजे में … Read more

मान रखना

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’दिल्ली(भारत)************************************************ पितृ पक्ष विशेष…… पितृदेव आए तेरे द्वारे दे रहे हैं दस्तक,माथ‌ झुका ले उनके चरणों में होकर तू नत मस्तक। जीते जी सेवा कर न सके तुम अब बनते हो श्रद्धालु,वो क्षमा दान तुझे‌ दे देंगे पितृदेव बहुत ही दयालु। खुशियों से भर देंगे पितृदेव खाली‌ तेरा‌ दामन,रौनक से भर … Read more

लावारिस

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* मैं हूँ लावारिस क्या मेरा,पैदा होना या मर जाना।सड़कों पर जीवन बीतेगा,ना मुझे किसी के घर जाना॥ नहीं कोई ऋतु वसंत यहाँ,सर पर है नभ की छत नीली।अंतड़िया भूखी सिकुड़ गयी,आँखों की पुतली है पीली॥ना जानू मैं क्यों आया हूँ,है कौन मुझे लाने वाला।आँधी से लोरी सुनता हूँ,लगती सूखी-सी या गीली॥कूड़े-करकट … Read more

लहरें

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* दूर तलक हैं चलती जातीं,यादों संग लौट कर आतीं।दिन-रात कभी न सो कर,तन-मन मेरा भिगो जातीं।रंग-बिरंगी मृदु रेत देकर,स्वच्छ जल से पग हैं धोती।स्फटिक उज्ज्वल गौरवर्णी,दौड़-दौड़ कर मिलने आतीं।लहरें हैं या ये सखी-सहेली,सीपियाँ तोहफे में दे जातीं॥