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‘संकेत’ में गहरा संदेश देती हैं ‘पोटली’ की लघु कथाएं- सतीश राठी

इंदौर (मप्र)।

लघु कथा बहुत कठिन विधा है,इसका निर्वहन करना आसान नहीं। लघुकथा संग्रह ‘पोटली’ की लघुकथाएं बहुत समृद्ध हैं। आने वाली पीढ़ी में जीवन मूल्यों के बीज बोने वाली यह लघु कथाएं संकेत में ही गहरा संदेश देती हैं। पोटली को पाठकों द्वारा अनिवार्यत: पढ़ा जाना चाहिए।
लघुकथा के सशक्त हस्ताक्षर वरिष्ठ लेखक सतीश राठी ने लेखिका सीमा व्यास के प्रथम लघुकथा संग्रह ‘पोटली’ के विमोचन के अवसर पर यह बात कही। श्री शारदा मठ परिसर में आयोजित विमोचन कार्यक्रम में शिक्षाविद् व कवि प्रो. राजीव शर्मा ने कहा कि,इसमें दिमाग से कम और दिल से ज्यादा लिखा गया है और दिल से लिखा गया दिल तक उतरता है।
श्रीमती निर्मला पंडित ने अपने जीवन की ३ पोटलियों के बारे में कहा कि नानी की पोटली खाने के सामान से भरी थी,सुदामा की पोटली संदेश से भरी थी और यह लघुकथाओं की पोटली साहित्य के बहुमूल्य रत्नों और मोतियों से भरी है।
मठ की प्रमुख प्रव्राजिका अमितप्राणा जी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि,पोटली में कथाएं तो लघु हैं पर उनमें दीर्घ विचार हैं। जिन पर चिंतन करना आवश्यक है।
इस अवसर पर संतोष जोशी ने ४ लघुकथाओं पर स्वराभिनय किया। मालवा थिएटर व शारदा रामकृष्ण विद्या मंदिर के कलाकारों द्वारा लघुकथाओं पर नाट्य प्रस्तुति दी गई। सूत्र संचालन शुभा स्वामी ने किया। आभार तनुजा शर्मा ने व्यक्त किया।

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