इंसानियत
मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** इंसान बने इंसान का सहायक,वही सच्चा इंसान हैजो सम्मान बांटता जग में,वो पाता सम्मान है। धैर्य और सज्जनता से जो,जीवन यापन करते हैंदु:ख-दर्द भाँपते…
मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** इंसान बने इंसान का सहायक,वही सच्चा इंसान हैजो सम्मान बांटता जग में,वो पाता सम्मान है। धैर्य और सज्जनता से जो,जीवन यापन करते हैंदु:ख-दर्द भाँपते…
एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* हर अवरोध पर इक संकल्प है भारी पड़ गया,नगरी अयोध्या पर रंग प्रभु श्री राम का चढ़ गया।बनने जा रहा मंदिर भगवान अपने श्री राम का-अब भारतवर्ष…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** समता का उजियार कर,किया नवल निर्माण।छुआछूत को लक्ष्य कर,मारे तीखे बाण॥मारे तीखे बाण,नया इक देश बनाया।बोले सब जय भीम,सुहाना मंज़र भाया॥तिमिर हुआ सब दूर,भाव आये…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** निश्छल मन पावन हृदय,स्वाभिमान व्यक्तित्व।प्रिया प्रसीदा भाविनी,रखी शक्ति अस्तित्व॥ गात्र सुकोमल चारुतम,विमल हृदय व्यक्तित्व।सत्यपूत परहित पथी,सर्वगुणी अस्तित्व॥ मृदुल वचन समधुर श्रवण,परसुख निज अस्तित्व।प्रीति साँच…
लोकार्पण..... इंदौर (मप्र)। राम तुम्हारा चरित्र स्वयं ही काव्य है कोई कवि बन जाए सहज संभाव्य है। मैथिलीशरण जी गुप्त की इस भावना को सार्थक करने का प्रयास डॉ. पुष्पारानी…
डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* आसमान सुलग रहा,सूरज आग बरसा रहाधरती का तापमान,निरन्तर बढ़ रहापृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन,व ग्लोबल वार्मिंग केदुष्प्रभाव से-पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा,प्राकृतिक परिवेश बिगड़ रहाभूगर्भीय जल भी,प्रदूषित…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** राम रस,राम गंध,राम जीव तत्व हैं।उर,श्वास के हितार्थ,राम का महत्व है॥ रोम-रोम बसे राम,जीव-जीव राम हैं।तरी होती पार,यदि,साथ राम नाम है॥ रसना नि: स्वार्थ जब,राम को पुकारती।राह…
रेणू अग्रवालहैदराबाद(तेलंगाना)************************************ माँ से माँगो आशीष हम सबके लिये।दूर करो माँ बंदिश हम सबके लिये।अपने ही घर कैद होकर रह गए,घूमने की हो ख़्वाहिश हम सबके लिये। माँ है भगवान,सभी…
नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** दुःखी देख द्रवित हो जाते,आगे बढ़ के साथ निभातेऐसे लोगों का है वंदन-आभार सहित…अभिनंदन। आकुल हों जब पीड़ित-परिजन,राह न सूझे,पास भी न धनऐसे में भगवान बन आतेमानवता…
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** गुजरी है एक लम्बी उम्र,अब और मत कर धोखादेख ले अपनी जिंदगी के,करमों का लेखा-जोखा। जमा पे नज़र डालकर अपने से सवालकभी आया मन में ख्याल,इस…