देवभूमि को सुरक्षित रखना जरूरत
प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ************************************ उत्तराखंड हिमालय देवभूमि के रूप में उभरा है और हिंदू तीर्थयात्रा के केन्द्र के रुप में विकसित हुआ है,मगर प्राकृतिक आपदाएं इसको विनाशक बना रही है। पिछले…
प्रियंका सौरभहिसार(हरियाणा) ************************************ उत्तराखंड हिमालय देवभूमि के रूप में उभरा है और हिंदू तीर्थयात्रा के केन्द्र के रुप में विकसित हुआ है,मगर प्राकृतिक आपदाएं इसको विनाशक बना रही है। पिछले…
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** किसी दरख़्त पर,अब न कोई नाम मिलेगा,खामोश आशिकी का न कहीं पैग़ाम मिलेगा। न कोई आरजू न ख़्वाहिश न सलाम मिलेगा,पूछना महकती खुशबू से,वही पयाम मिलेगा। ढूँढने चले…
डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)**************************************************** सफलता......... जब भी मैं कोई फिल्म देखता हूँ तो मुझे यह देख कर अत्यंत क्षोभ होता है कि फिल्म हिंदी की हो या किसी अन्य भारतीय…
विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* काम से गद्दारी ठीक नहीं,झूठ से खुद्दारी ठीक नहीं। कभी सताना मुफलिस को,उन पर रंगदारी ठीक नहीं। बेईमानी से जो काम करे,उससे साझेदारी ठीक नहीं। स्वदेश…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* लगा 'मुखौटा' संत का,घूमे पापी नीच।मिल जाएंगे हर जगह,इस दुनिया के बीच॥ बदल 'मुखौटा' सृष्टि में,करता जो व्यवहार।कभी न पाता मान वह,सहता सभी प्रहार॥ त्याग 'मुखौटा'…
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** सुनो कान्हा,नहीं चाहती मैं रिहाईतेरे दर से कभी,चाहती हूँ देखनादिन-रैन तुझे ही।माँगती हूँ ठिकाना,चरणों में तेरेचाहती हूँ सुनना,बांसुरी की धुन सदा।अरज छोटी-सी मेरी,सुन लो हे मेरे कान्हाचाहती हूँ…
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* पिछले तीन-चार सौ साल से दुनिया में एक बड़ी लड़ाई चल रही है। उसका नाम है,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। ब्रिटेन,यूरोप,अमेरिका और भारत-जैसे कई देशों में तो यह नागरिकों…
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ रचना शिल्प:३० मात्राएं,१६,१४ पर यति..... युद्ध नहीं है धर्म हमारा,शांति चाहने वाले हैं।छेड़ा अगर किसी ने तो हम,नहीं छोड़ने वाले हैं॥ चिंगारी को छेड़ोगे तो,ज्वाला बने…
डॉ. दयानंद तिवारीमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************ कार्लमार्क्स की साम्यवादी विचारधारा ही मार्क्सवादी विचारधारा कहलाई। वे एक वैज्ञानिक समाजवादी विचारक थे। वे यथार्थ पर आधारित समाजवादी विचारक के रूप में जाने जाते हैं।…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* 'राह पथरीली बहुत थी,फिर भी हम चलते रहेमन में मंज़िल के लिए,अरमां सदा पलते रहे।'सामाजिक समस्याओं के अध्ययन में सामाजिक विचारकों का ध्यान सहज रूप…