गीत सृष्टि पा लेती हूँ मैं

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*************************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से जब तेरे मृदु-वचनों से,थोड़ा रस पी लेती हूँ मैं।तुम मानो ना मानो प्रियतम,गीत सृष्टि पा लेती हूँ मैं। बरखा की छम-छम…

Comments Off on गीत सृष्टि पा लेती हूँ मैं

राह तेरी मैं तकूँ

नीलू चौधरीबेगूसराय (बिहार)*************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से राह तेरी मैं तकूँ तो मत कहो नादान है ये,द्वार मेरे आ गए हो ईश का वरदान है ये। पीर पल…

Comments Off on राह तेरी मैं तकूँ

आय लव यू

हरीश गिदवानी,इंदौर (मध्यप्रदेश)************************************ काव्य संग्रह हम और तुम से बरसों से कहती आई हूँ'आई लव यू' तुम्हें,आज फिर कहना चाहती हूँ। जब हम मिले थे२१ के तुम थे,२० की मैं,परिपक्व…

Comments Off on आय लव यू

लौट पिया जल्दी घर आना

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)***************************** काव्य संग्रह हम और तुम से रचना शिल्प:सरसी छंद विधान- १६ + ११ मात्रा,पदांत २१(गाल) चौपाई+दोहा का सम चरणबीत बसंत होलिका आई,अब तो आजा मीत।फाग रमेंगें रंग बिखरते,मिल…

Comments Off on लौट पिया जल्दी घर आना

हिन्दुस्तानी को राष्ट्रभाषा का सम्मान देने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष नेताजी सुभाषचंद्र बोस

डॉ. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल)************************************* हिन्दी के योद्धा:जन्मदिन पराक्रम दिवस विशेष..... ओडिशा के कटक में २३ जनवरी १८९७ को जन्मे,कटक और कलकत्ता में पले-बढ़े,पिता की इच्छापूर्ति के लिए मात्र २३ वर्ष…

Comments Off on हिन्दुस्तानी को राष्ट्रभाषा का सम्मान देने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष नेताजी सुभाषचंद्र बोस

कब आयेंगे….

नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)**************************************** बोझिल-सी बैचेन निगाहें,ताक रहीं हैं राहों को।कब आयेंगे दिलवर मेरे,थामेंगे इन बाँहों को॥ सपने देख रही है चाहत,अरमानों का संग लिए।स्वप्निल छुअन मखमल जैसी,पल-पल पुलकित अंग लिए।शीतल-प्रीत…

Comments Off on कब आयेंगे….

खून की मांग

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सुभाष चंद्र बोस जयंती (२३ जनवरी)विशेष.... 'खून मांग' कर आजादी के,सपने को साकार किया।सुभाषचंद्र बोस ने आज़ाद,भारत का निर्माण किया॥ 'खून मांग' कर आजादी के,सपने को…

Comments Off on खून की मांग

सँभल-सँभलकर चलना होगा

कल्पना शर्मा ‘काव्या’जयपुर (राजस्थान)********************* जो हम चाहें सुखमय जीवन,विपत-कसौटी कसना होगा।ज़िन्दगी है राह काँटों भरी,सँभल-सँभल कर चलना होगा॥ जीवन तुला पर फूल और काँटे,काँटों का पलड़ा भारी बहुत।हम तो दूर…

Comments Off on सँभल-सँभलकर चलना होगा

दुर्गम है संघर्ष

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** तजो दीन मन हीनता,स्वीकारो संघर्ष।भाग्य भरोसे मत रहो,वरन हो अपकर्ष॥ आएँगी बाधा विविध,तोड़ेंगे उत्साह।संघर्षी साहस सहज,तभी सफल हो राह॥ करे सत्य निर्भय सबल,संकल्पित हो…

Comments Off on दुर्गम है संघर्ष

भारतीयों तुम पर गर्व है हमें

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) *************************************** संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रपट में कहा गया है कि दुनिया के विभिन्न देशों में १.८० करोड़ भारतीय प्रवास कर रहे हैं। इनकी संख्या २ करोड़…

Comments Off on भारतीयों तुम पर गर्व है हमें