हर रंग से है प्यार…

कृणाल प्रियंकर अहमदाबाद(गुजरात) ****************************************************** कितनी रंगों भरी है हमारी दुनिया, हर रंग की कुछ अलग है बात। कोई भर दे खुशियों से हमारा जहां, तो कोई कराता अकेलेपन का एहसास।…

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नारी कमजोर नहीं

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात)  ****************************************************************** आज की नारी इतनी कमजोर नहीं,जो झुक जायेगी, करो चाहे पुरजोर जतन तुम,नहीं वो रुक पायेगी। दिल की सुंदरता कब भला,तेजाब से खत्म हो…

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रचनाशिल्पी चाँदनी सेठी ‘प्राइड ऑफ़ वुमन’ से सम्मानित

नई दिल्ली। 'अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस' के उपलक्ष्य में १० मार्च को आगमन साहित्यिक समूह द्वारा उर्दू घर(नई दिल्ली) में 'फैंटास्टिक फीमेल के सीजन-२' महिला लेखिकाओं को सम्मानित किया गया। इसमें…

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फाग

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** होली के रंग सुहाने लगे, जबसे श्याम ख़्वाबों में आने लगे। रंग रंगीली होली आई, प्यारे श्याम की पाती आई। रंग अबीर की होली आई, बरसाने…

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प्रीत का उत्सव होली

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** होली उत्सव प्रीत का, मचा रंग का हाट हर दिन फागुन प्रीत के, नवल पढ़ाये पाठ। नयनों ही नयनों हुए, रंगों के संकेत रह-रह महके…

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जैसा मैं सोचता हूँ

सतीश विश्वकर्मा ‘आनंद’ छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) ****************************************************************************** शब्द मैंने लिखे जो अमर हो गए। कुछ तो ऐसे लिखे कि समर हो गए। बारहा वो सितम मुझपे करता रहा, मैंने हमले किये…

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नारी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* (रचना शिल्प: विधान-१२२२,१२२२,१२२२,१२२२ = २८ मात्रा १२२२,१२२२,१२२२,१२२२ = २८ मात्रा १,७,१५,२२वीं मात्रा लघु अनिवार्य) बताओ कौन है ऐसा,मही नारी न हो जाया। सिखा ईमान भी इनको,सखे…

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मैं हूँ नारी

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* मैं ही तो वह नारी हूँ, जो सिंदूर देशहित वारी हूँ। बेटे के माथे तिलक लगा, सीमा पर मैं विदा कराती हूँ। जब ओढ़ कफन…

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ये कैसी मोहब्बत

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ जबसे मिली है नजरें, बेहाल हो रहा हूँ। तुमसे मोहब्बत करने, कब से तड़प रहा हूँ॥ कोई तो हमें बताये, कहाँ वो चले गए हैं। रातों…

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कड़वी चाय

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* "ये फौजी साहब भी महान हैं,इन्हीं के भरोसे हम सब चैन की नींद सोते हैं।" लोकल ट्रेन की सीट पर ताश बांटते हुए रमेश…

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