वतन से कर मुहब्बत
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* वतन से कर मुहब्बत, साँस-साँसों में बसाना,लहू की हर धड़कन को, देश-यज्ञ में चढ़ाना।मिटे जो स्वार्थ भीतर, तभी तो सूर्य उगता-माँ भारती के चरणों में, तन-मन-धन लुटाना॥ कठिन पथ हो, अँधेरा हो, न पीछे पग हटाना,तिरंगे की शिखा बनकर, गगन तक झिलमिलाना।न माँगे फूल जीवन से, न चाहें सुख … Read more