‘पटना के देवालय’ का विमोचन किया विस अध्यक्ष ने
पटना (बिहार)। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने वरिष्ठ पत्रकार सुबोध कुमार नंदन की पुस्तक 'पटना के देवालय' का मुख्य अतिथि के नाते विमोचन किया। इस पुस्तक में…
पटना (बिहार)। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने वरिष्ठ पत्रकार सुबोध कुमार नंदन की पुस्तक 'पटना के देवालय' का मुख्य अतिथि के नाते विमोचन किया। इस पुस्तक में…
प्रयागराज (उप्र)। रुद्रादित्य प्रकाशन समूह ने अब वर्ष २०२५ के सम्मान हेतु पाण्डुलिपियाँ आमंत्रित की हैं। वर्ष २०२५ के दौरान साहित्य की विविध विधाओं (यथा-आलोचना, उपन्यास, कहानी और कविता) में…
गोंडा (उप्र)। कृतिकार विजय रंजन की शोध परक पुस्तक 'आदि महाकवि वाल्मीकि के १० अप्रतिम साहित्यिक अवदान' राम गाथा से अनुप्राणित कृति का लोकार्पण गोंडा स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री…
ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* नशा नाश की जड़ है भाई,मत जाना इसके पास,घर-परिवार में दुःख बांटे,करे सबको उदास। बीड़ी-गुटका-तम्बाकू है,बीमारी का वास,छोड़ दें हर नशे को वरना,होगा तेरा नाश। तेरा नहीं…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* दिन के बाद,रात आती हैनिशा के बाद फिर दिन। जीवन की नैय्या,संसार की नदिया मेंगोते खाए प्रतिदिन। सुख-दु:ख के,बोझ से भरीजीवन की ये नाव। फिसल न…
जबलपुर (मप्र)। रामायण केंद्र जबलपुर इकाई द्वारा २३ जून को कला वीथिका में वृहद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें इंजी. संतोष मिश्र 'असाधु' द्वारा रामायण से संबंधित लिखित शोधपरक पुस्तक…
लोकार्पण... पटना (बिहार)। वेदना जितनी गहरी होती है, कविता उतनी ही बड़ी होती है। बड़ी कविता वही है, जो विश्व को सुंदर बनाती है।यह बात रविवार को पूनम सिन्हा रचित…
डॉ. सुभाष शर्माऑस्ट्रेलिया********************************** जनभाषा में न्याय… पटना उच्च न्यायालय के परिसर में हुई परिचर्चा से संबंधित समाचार पढ़कर मन में आशा की लहर जगी। जिस प्रदेश ने भारत को पहला…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* इस ज़िंदगी में हमें,किसी ऐसे की ज़रूरत होती हैजो हमें सिर्फ देखे नहीं,बल्कि महसूस करेजो जान सके कि हम,कब हार मानने वाले हैं!और हिम्मत करके,हमारे लिए…
दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* उम्र के इस दौर में,आ गए हैं हमलोग क्या कहेंगे,परवाह कम करने लगे हैं हम।उम्र के इस दौर में,आ गए हैं हम… जिम्मेदारियों का बोझ,उतार अपने कंधों…