कहानी प्रतियोगिता के परिणाम जारी
जयपुर (राजस्थान)। 'साहित्य समर्था' पत्रिका द्वारा आयोजित अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता २०२३ के परिणाम जारी कर दिए गए हैं। इसमें प्रथम पुरस्कार रेणू मंडल (मेरठ), द्वितीय नीलिमा…
जयपुर (राजस्थान)। 'साहित्य समर्था' पत्रिका द्वारा आयोजित अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कहानी प्रतियोगिता २०२३ के परिणाम जारी कर दिए गए हैं। इसमें प्रथम पुरस्कार रेणू मंडल (मेरठ), द्वितीय नीलिमा…
जबलपुर (मप्र) सशक्त हस्ताक्षर की कवि गोष्ठी श्री जानकी रमण महाविद्यालय में हुई। संस्थापक गणेश श्रीवास्तव 'प्यासा' ने सभी अतिथियों व कवियों का अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य यशोवर्धन…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* क्यों छलक आए हैं मेरी आँखों से ये आँसू ?रोकना चाहती हूँ, फिर भी आ ही जाते हैं ये आँसू। कोई क्यों नहीं पहचानता मेरे जज्बातों…
इंदौर (मप्र)। हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा सतत स्पर्धाओं की श्रृंखला जारी है। इसी क्रम में 'अस्तित्व बनाम नारी' विषय पर आयोजित ७९वीं स्पर्धा में उत्कृष्ट रचना उकेर कर पद्य…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प: १२१२-२१२-१२२-१२१२-२१२-१२२... मिले कभी तो मुझे मुहब्बत, सजा सके जो नसीब मेरा।जिसे जरूरत मुहब्बतों की, बना रहे वो हबीब मेरा। मिटे न मुश्किल मिले न…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* लोकतंत्र का पर्व है, अवसर जन अधिकार।अन्तर्मन जनमत समझ, भारत करे पुकार॥ पुकार रही माँ भारती, तरुण वीर सन्तान।शंखनाद अरिघात कर, उठो करो मतदान॥…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** अपनों को देखकर,आँखों से जो छलक आते हैंवो मर्म के आँसू होते हैं,रोके रुकते नहीं हैंबस बहते चले जाते हैं,हृदय का स्पंदन होते हैं। मन के भावों…
ललित गर्ग दिल्ली************************************** जन्म जयन्ती (२१ अप्रैल) विशेष... सदियों पहले महावीर जन्मे, पर वे जन्म से महावीर नहीं थे। उन्होंने जीवनभर अनगिनत संघर्षों को झेला, कष्टों को सहा, दु:ख में…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मैं निज सर्वस्व दे देती, कहते एक बार तुम प्रियवर।तन-मन का हर कण दे देती, कहते एक बार तुम प्रियवर॥ काँटों को में दूर हटाकर,…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** खो जाना भी कभी-कभी बेहतर होता है,कम से कम पता तो लगे कि, कौन-कौन रोता है ? जिनके लिए ज़माने में फरिश्ता था मैं,गुम हुआ तो समझा,…