राम-सिया अभिनंदन

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… श्री राम सिय, लखन अभिनंदन,आए निश्चित, प्रण रघुनंदनकरते स्वागत उर रघुनंदन,घर-घर उत्सव सजे अभिनंदन। उच्छवास, निभाकर वचन राम,बन प्रतिष्ठा पुरूषोत्तम रामकष्ट-कष्ट मनुज-दनुज सह राम,लौटे नियति पथ-जीवन राम। स्वच्छ साफ हो घर-आँगन द्वार,छमा-छम सिंधुजा विभव द्वारशुद्ध-शुभ पारिश्रमिक उपहार,लाएँ बांटे हृदय व्यवहार। भोग अनेकानेक बनाएं,मिष्ठान, झड़ियाँ … Read more

राधा ढूँढ रही है श्याम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* बैठे यमुना तीर कन्हैया, बजाते बंशीधर अभिराम,दौड़ी आयी चहुँ इधर-उधर प्रिय राधा ढूँढ रही है श्यामएक तरफ कालिन्दी प्रमुदित, बहे धारा मुरलीधर गान,अति राग मनहिं अनुराग हृदय, प्रिय राधा ढूँढ रही है श्याम…। कहाँ लला तुम छोड़ राधिका मैं भटकी गोकुल ग्राम,तन-मन खोयी हियतल बोयी माधव मन मुकुन्द अविरामहो … Read more

मन महके, रोशन हो जीवन पथ

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* दीप जलें, मन महके… मन में दीप जले प्रेम का,स्नेह की खुशबू बिखेरें रिश्तेइस दिवाली हर इक घर में,दीप जलें, मन महके। मन निर्मल हो जाए सबका,रंगोली-सी मुस्कान सजेखुशियों से रोशन हो जीवन पथ,दीप जलें, मन महके…। प्रीति दया करुणा के दीपक,जग को शांति की राह दिखाएंदीप आशा का जब जगमगाए,दीप जलें, … Read more

अमरता

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… बड़ी-बड़ी हवेलियों में,छोटी-छोटी झोपड़ियों मेंजब दीप जले तो,मन महकेखुशियों के पटाख़े चहके। रोशनी से नहाया हो जग,अमीर-गरीब का फर्कभला दीप क्या समझे ?पतंगा भी जलते दीप केचरण छूता,चाहे बलिदान रोशनी मेंकर देता अपने न्यौछावर। लक्ष्मी, कुबेर-गणेश के संग,भ्रमण पर निकलीदेखा सनातनी का नजारा,कलयुग में भी … Read more

नव ज्योति कलश

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** ब्रह्माड तिमिर हरने,नव ज्योति कलश छलकेजैसे बनी सुहागन,सिंदूर माथ दमके। है गूँज कलरवों की,चमके है ओस मणिकासुरभित समीर विकसित,महकी प्रत्येक कणिका। कलियों का रूप निखरा,भँवरों की टोली आयीऋतु है बड़ी सुहानी,दिल में उमंग छायी। नई आस मन बढ़ाती,उत्साह पालनहारी।सब हों सुखी हे प्रभुवर,यही कामना हमारी॥

हराने जलते हैं टिमटिम दीपक

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… आश्विन कृष्ण पक्ष का अँधियारा, हराने जलते हैं जो टिमटिम दीपक,दीपक-दीपक मिल मिलकर, अंधियारे क़ो हराने लगते हैं भरसकज्योति-ज्योति मिल मिलकर हराने लगते हैं तमस भीतर तक,दरकने लगता विशाल अँधियारा विकराल फैला जो धरा से गगन तक। प्रकाश केवल उजियारा नहीं है, स्वयं परब्रम्ह का … Read more

प्रेम का दीप जलाएं

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… आओ दीवाली में दीप जलाएं,भेदभाव को जड़ से मिटाएं। प्रेम की बाती मन में जलाकर,प्यार ही प्यार फैलाएं। हर मन में ये भाव जगाएं,छल-कपट को दूर भगाएं। बांटे सभी को स्नेह और खुशियाँ,जैसे दीप से दीप जलाएं। तेज पुंज उज्जवल प्रकाश से,अंधकार का नाश करें। काम … Read more

धन्य तेरस:पधारो माँ लक्ष्मी

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* धन तेरस को धन्य करने, लक्ष्मीजी जब घर आएंगी,तेजस्विता की शुभ्र किरणें, उनसे पहले आ जाएंगी। लकदक जगमग गजगामिनी-सी, ऐश्वर्य की देवी आएंगी,द्वार मेरा झिलमिलाएगा, जब माँ लक्ष्मी घर आएंगी। माथे बिंदिया, रत्नों की नथिया, स्वर्ण से कर्णफूल टंके होंगे,बाजूबंद और कंगन चूड़ियों से, माँ के हाथ भरे होंगे। माथे बिंदी, … Read more

स्नेह ज्योति से जीवन जगमगाए

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… दीप जले मन में, उजियारा हो जाए,हर कोना प्रेम का, प्यारा हो जाएअंधियारे दिल के तम सब मिट जाएँ,स्नेह की ज्योति से जीवन जगमगाए। मन के भीतर जो द्वेष की राख जमी,उस पर करुणा की किरणें पड़ जाएँलालच, ईर्ष्या, क्रोध जहाँ पलते हैं,वहाँ दया के दीप … Read more

इक दीया उम्मीद का

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* इस दिवाली पर जलाएं,इक दीया उम्मीद का। उजियारा जिसकी किरणों का,तम हरे सबके मन काइस दिवाली पर जलाएं,इक दीया उम्मीद का…। दूर हो अंधियारा दुखों का,उजियारा फैले खुशियों काइस दिवाली पर जलाएं,इक दीया उम्मीद का…। तिमिर दूर हो कलुष भेद का,आशाओं की हो रोशनीइस दिवाली पर जलाएं,इक दीया उम्मीद का…। खोए हुए … Read more