आज़ादी के मतवाले

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भारत माँ की आज़ादी को, बहुत यहाँ क़ुर्बान हुए।गोरों से लड़कर के सारे,देशभक्त संतान हुए॥ हमने रच डाली नव गाथा,लेकर खडग हाथ अपनेनहीं हटाये बढ़े हुये पग,पूर्ण किए सारे सपने।माटी को निज माथ लगाकर, सारे मंगलगान हुए,गोरों से लड़कर के सारे, देशभक्त संतान हुए…॥ शत्रु नहीं बच पाया हमसे,पूतों ने हुंकार … Read more

भाषा न्यारी-सी…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* हिंदी की बिन्दी… भाषा न्यारी-सी, भारत की हिंदी।सजती दुल्हन-सी, हिंदी की बिन्दी॥ दुनिया में हिंदी का, सम्मान सजता है,इसकी मिठास का, जग गान करता है।हर अक्षर से इसके, गीतों की धुन सजती,जब बिखरे वादी में, मन मुग्ध रहता है। शब्दों-वाक्यों की, है पुस्तक हिंदी,सजती दुल्हन-सी, हिंदी की बिन्दी।भाषा न्यारी-सी…॥ … Read more

नववर्षाभिनन्दन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नई हवा है, नया वतन है।नये वर्ष का, अभिनंदन है॥ नया-नया सा, अब मौसम है,दूर हो गया, अब हर ग़म है।जीवन अब तो, क्या आलम है,हर शय में तो, दिखता दम है॥नई दुआ है, नया चमन है,नये वर्ष का, अभिनंदन है…॥ देखो तो अब, नेह गान है,मौसम में तो, नई आन … Read more

स्वागतम्-२०२३

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नया उजाला-नए सपने… नया भास्कर द्वारे आया, गूँजे नये तराने।किरणों में है नवल ताज़गी, हर पल लगे सुहाने॥ मंज़िल अब तो दूर न होगी,बस हमको चलना है।बहुत हो चुका,अब ना होगा,हाथ नहीं मलना है॥नया लक्ष्य अब वरना होगा, कोई नहीं बहाने,किरणों में है नवल ताज़गी, हर पल लगे सुहाने…॥ गहन तिमिर … Read more

तुम्हारी याद

स्वराक्षी ‘स्वरा’खगड़िया (बिहार) ************************* सनम दिल जान से मैं तो, तुम्हें ही प्यार करती हूँ।बहुत ही कीमती है तू, तुम्हें खोने से डरती हूँ॥… मुझे दिन रात ही अब तो, तुम्हारी याद आती है,तुम्हें मैं कह नहीं पाऊं, मुझे कितना सताती है।नहीं परवाह दुनिया की, कसम खा के ये कहती हूँ,बहुत ही कीमती…॥ कि ऐसे … Read more

अटल हमारे, अटल तुम्हारे

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* ‘अटल’ जिंदगी… अटल हमारे अटल तुम्हारे,नहीं रहे अब बीच हमारे।जन-जन के थे राज दुलारे,अटल हमारे अटल तुम्हारे॥ बेबाक रहे बोल-चाल में,मस्ती दिखती चाल-ढाल में।अश्क बहाते घर-चौबारे,अटल हमारे अटल तुुम्हारे…॥ अगर कहीं कुछ सही न पाया,राजधर्म तब जा सिखलायाइसीलिये थे सबके प्यारे,अटल हमारे अटल तुम्हारे…॥ सजे मंच पर जब आते … Read more

शुभ्रकमल सिंहासना

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** तू स्वर की देवी, माँ वीणापाणि,शुभ्रकमल सिंहासना।ममतामयी मूरत, बुद्धि की सूरत,प्रेम पूरण प्रति प्रेरणा।‘अजस्र’ तेरे चरणों में बैठा,कर जोड़े, करता माँ वंदना,ये वंदना, ये वंदना।तू स्वर की देवी… ब्रह्मतनया तू, हंसवाहिनी,वेदमुखी तू सृजन कर।सात सुरों की तू स्वर-सरिता,वीणा में तेरे संगीत प्रखर।‘अजस्र’ ज्ञान है मूढ़ बेसुर में,वीणा तारों को … Read more

भाग सके तो भाग

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ हाथ तिरंगा, सर पे पंगा,दिल में लेकर आग।निकल पड़े हम स्वाहा करने,तुझे कालिया नाग॥ जब चाहा तूने फुफकारा,वीर बांकुरों को ललकारासीमाओं पर घुस कर तूने,निर्दोषों को छल से मारा।हम लेकर आ गये सुनामी,भाग सके को भाग॥निकल पड़े हम… अब न तुझे छोड़ेंगे बुजदिल,तू पड़ोसियों का रे क़ातिलदेख रही है दुनिया सारी,कुदरत से ही … Read more

मेरी माँ

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** माँ तू जन्मदायिनी मेरी तू मेरा संसार है।मुझको लाई इस दुनिया में मुझ पर ये उपकार है॥ किलकारी सुनकर के मेरी माँ का मन हर्षाया था,ले गोदी में तब माँ ने सीने से मुझे लगाया था।खुशियों ने दस्तक दी घर में सारे घर उल्लास भरा,पूरी हुई कामना मन की चाँद जमीं … Read more

थर-थर काँपे काया

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** मास दिसम्बर सर्द महीना थर-थर कांपे काया।हुआ भास्कर लुप्त गगन में, इतना कोहरा छाया॥ बूँद ओस की हरे घास पर, लटक रहे ज्यों मोती,इतना ठंडा नीर चिरैया, चौंच न ज़रा डुबोती।खुली हवा यूँ लगे कि जैसे, ख़ंज़र आ टकराया,हुआ भास्कर लुप्त…॥ शीत भयंकर रूप ले रही, बर्फ़ बना है पानी,ओढ़ रजाई … Read more