गरीब

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** गरीबों की नहीं होती, कभी कोई दिवाली है,भरी हसरत हजारों हैं, मगर ये जेब खाली है।भले दिखता रहे चंदा, चमकता आसमानों में,मनेगी ईद पर उनकी, वहीं टूटे मकानों में॥ परिचय– डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने एम.एस-सी. सहित डी.एस-सी. एवं पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है। आपकी जन्म तारीख २५ अक्टूबर १९५८ … Read more

प्राणवायु आधार

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हो हरित वसुंधरा…. हरित प्रकृति सार, प्राण वायु है आधार,वृक्ष कोई नहीं काटें, धरा ही तो शान है। कोरोना को करें याद, हुआ तन था बर्बाद,हालातों को देख के भी, लेते वृक्ष जान हैं। जीवों का न छीनें वास, श्वाँस देता करें भास,कोलाहल खग से ही, मीठा शुभ गान है। है … Read more

हमारा देश भारत

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रचनाशिल्प:२१२२ २१२२ २१२…. सोच रख कर हम बड़ी कुछ तो करें।ठान ली है हम किसी से ना डरें॥जुल्म कैसा भी नहीं सहना हमें।यह प्रगति का चक्र भी अब ना थमें॥ देश हित ही अब हमें है सोचना।दूसरों को अब नहीं है कोसना॥आज हम कमजोर का भी साथ दें।हाथ में उनके सदा … Read more

जल ही जीवन

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जल ही कल…. पानी बिन जीवन हो कैसे, गाँठ बाँध लें बात।जल सहेजकर ध्यान धरें यह, बहे नहीं दिन-रात॥ पानी के गुण को सब जानें, यह जीवन आधार।तन पर इसकी अधिक जरूरत, यह ही है शुभ सार॥ अमृत सदा पानी जीवन में, बचत करें दें ध्यान।लापरवाही त्याग करें सब, इससे ही … Read more

ममता

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** मुँदी पलकें कन्हैया की, कमल से नैन हैं सोए,यशोदा मात की गोदी, सिमटकर लाल हैं खोयेजरा मुस्कान तो देखो, खिली है एक भोली-सी,लगे प्यारी बड़ी सूरत, सजी जैसे रँगोली-सी। निहारे हैं उन्हें मैया, जगत के जो विधाता हैं,नहीं हैं जानती माता धरम के वो प्रदाता हैं।लिपट के अंक से कैसे, … Read more

रोको अत्याचार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************** हो हरित वसुंधरा…. धरती की सुंदरता खातिर,अपना धर्म निभाव।पर्यावरण सुधार चलो तुम,आओ पेड़ लगाव॥ इससे जीवन दुनिया इससे,इससे ही पहचान।आओ मिलकर पेड़ लगायें,जाग उठो इंसान॥हरदम हरियाली हो भू पर,हरित क्रांति अपनाव।धरती की सुंदरता खातिर,… हमें बचाना होगा जंगल,रक्षा का लो भार।काट न पाये कोई इसको,रोको अत्याचार॥फूल खिले हों सब राहों … Read more

मृदुभाषी बनें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* जीवन हो निर्मल, भाषा अविरल, मृदुवाणी का, ध्यान धरें।मन होवे सुंदर, समता अंतर, मानवता का, मान करें॥छल और छलावा, व्यर्थ दिखावा, त्याग सभी जन, नित्य बढ़ें।जनहित कर जाएँ, जन मुस्काएँ, जीवन अनुपम, आप गढ़ें॥ गोरा अरु काला, हदय उजाला, जिसका होवे, मान करें।अंतर्मन जावें, भाव बनावें, रूप मोह से, सदा डरें॥ईर्ष्या … Read more

जल

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जल ही कल….. रचनाशिल्प:मात्राभार -२२ / यति -१२-१० यति के आगे-पीछे त्रिकल होगा। अंत गुरु वर्ण होगा । यह ८ चरणों वाला यानी ४ पंक्ति का छंद है। दो – दो पंक्ति के अंत में तुकांत आवश्यक।सरिता सरोवर ताल, भूमि पर शोभते।कानन उद्यान धरा, वृक्ष हम रोपते॥करता प्रदूषित मनुज, गरल ये … Read more

मोहन

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** खड़े कब से तुम्हारे द्वार पर कृष्णा,नहीं जाती हृदय से ये कभी तृष्णाहमें अपना बना लो तुम सहारा दो,करें हम पार वैतरणी किनारा दो। दिखा दो राह हमको भी उजाले की,नहीं खाएं कहीं ठोकर सम्हालो जी।सुना दो बाँसुरी की धुन जरा मोहन,कि खो जाएं हमारे तन-हमारे मन॥ परिचय– डॉ. अनिल कुमार … Read more

सत्य

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचनाशिल्प:मापनी-१२२ १२२ १२२ १२२ सभी को सदा सत्य साधे हुए है।सही राह संसार बाँधे हुए हैं॥न कोई रहे मुक्त संसार माया।बँधे मार्ग प्राणी सदा सत्य छाया॥ खुशी से बिताएं दया-धर्म पालें।मिला जो खुशी से वही गीत गा लें॥दया प्रेम धारा बहा दो बहा दो।सदा सत्य विज्ञान धारा बहा दो॥ परिचय–डॉ.धाराबल्लभ पांडेय … Read more