लापरवाही

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** लापरवाही देख लें, अनहोनी हो जाय। सब बच्चों को आज तो, वाहन ही है भाय॥ वाहन ही है, भाय जोश में, तेज चलाते। नियम बने जो, नित्य तोड़ते, मजे उड़ाते॥ ‘आशा’ कहती, अपनाते हैं, तानाशाही। घटती घटना, करते हैं जो, लापरवाही॥ जीवन तो अनमोल है, जीवन के दिन चार। है जो यातायात … Read more

नया सवेरा आया है

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** नया सवेरा आया है।सुखदायी आभा लाया है॥ चिड़िया चहके पेड़ों पर,भंवरे गुन-गुन फूलों परनव विहान की नई उमंग,लेकर सूरज आया है। पूरब दिशि लाली छायी,धरती ने सुंदर छवि पायीहरित तृणों में ओसबिंदु,मोती भर कर के लाया है। हरियाली चहुँओर भरी,फूलों की मुस्कान बढ़ीखिले कुसुम सौंदर्य भरे,सुषमा अतुलित लाया है। कोमल-सी कलियाँ … Read more

संचित कर लें भूजल

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** भूजल घटता जा रहा, लोग न देते ध्यान।खर्च करें है जल अधिक,रखते नहिं यह ज्ञान॥रखते नहिं यह- ज्ञान नीर है, हमें बचाना।रखें बचाकर, छोड़े जल को, व्यर्थ गँवाना॥आशा कहती, जिम्मेदारी, समझें प्रतिपल।वर्षा का जल, नित्य निरंतर, पहुँचे भूजल॥ भूजल का स्तर घटा, मनुज न लेते भान।लापरवाही कर रहे, भूले सुंदर ज्ञान॥भूले सुंदर- … Read more

ये है कलयुग

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** कलयुग का मानुष बुरा, देख खड़ा है मौन।लुटती बाला रो रही, न्याय दिलाए कौन॥न्याय दिलाए-कौन लाज है, खोती नारी।दुष्ट सोच से, नहीं रही अब, वो अवतारी॥आशा कहती, आज नहीं है, ये भावानुग।सिसक रही है, सुने न कोई, है ये कलयुग॥ कलयुग का यह हाल है, अपने रखते बैर।भाई-भाई लड़ रहे, पूछें कभी … Read more

अहं तोड़ता बंधन सारे

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** अहंकार का त्याग करें हम, यह देवे अभिमान है।सभ्य मनुज का साथ छुड़ावे, नित्य घटाती शान है॥ दंभ भरें निर्जीव वस्तु का, करें व्यर्थ जो कामना।जान मनुज व्यवहार धरे निज, बीच अहं की भावना॥ विपत काल पर बिसराते सब, रखें नहीं वे भान है।अहं तोड़ता बंधन सारे, नहीं रखें संज्ञान है॥ अहं … Read more

गणतंत्र देता सभी अधिकार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* गणतंत्र दिवस : देश और युवा सोच… रचना शिल्प:मापनी २२१ २२२ २२१ २२२ १२ तगण मगण तगण मगण लघु गुरु (लगा) झंडा रहे ऊँचा, आकाश में यूँ शान से।माँ भारती देती, आशीष भी सम्मान से॥ झंडा हमारा है, संसार में न्यारा यही।बन्धुत्व फैलाए, नेकी सिखाता है वही॥ देता सुरक्षा है, आपात … Read more

सूर्यदेव-वंदना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मकर संक्रांति विशेष… दिव्य दिवाकर,नाथ प्रभाकर, देव आपको, नमन करूँ।धूप-ताप तुम,नित्य जाप तुम, करुणाकर हे!, तुम्हें वरूँ॥नियमित फेरे,पालक मेरे,उजियारा दो, पीर हरो।दर्द लड़ रहा,पाप अड़ रहा,नेह करो हे!, शक्ति भरो॥ सबको वरते,जगमग करते,हे ! स्वामी तुम, सकल धरा।मन है गाया,जीवन पाया,नवल ताज़गी, लोक वरा॥तुम भाते हो,मुस्काते हो,जीव सभी ही, प्राण वरें।धूप … Read more

करें पुण्य काज

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मकर संक्रांति विशेष…. बेला है सुहानी आजकरें सभी पुण्य काज।मकर संक्रांति पर्वखुशी से मनाइए॥ रवि हैं उत्तरायणभजो सभी नारायण।रेवड़ी गजक खाएंशीत से बचाइए॥ प्रेमयुक्त डोर हाथपतंग उड़ाएं साथ।दीनों की मदद करखुशी बिखराइए॥ माघ का महीना आयागुड़ की मिठास लाया।खाओ खूब पचे सबस्वास्थ्य बनाइए॥ परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) … Read more

हृदय जगत की शान हिंदी

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* हिन्दी की बिन्दी… भारत सुंदर देश, मातृभाषा है हिंदी।मस्तक शोभित श्रेष्ठ, लगे हो जैसे बिंदी॥भारत माता मान, यही है शान हमारी।मृदुवाणी शुभ बोल, सभी को लगती प्यारी॥ हृदय जगत की शान, भावना सुंदर देती।मृदुवाणी शुभ सार, द्वेष नित यह हर लेती॥सुन मिलता आनंद, भावना अमिट समाए।कलम गढ़ें शुभ छंद, सृजन से … Read more

पूजे गणतंत्र सर्व

पायल अग्रवालमुजफ्फरपुर (बिहार)******************************* भारत का संविधान, करते हम आज मान, बनता है देश शान, न्याय सभी पाते।लाल किले साज बोल, सबके दु:ख गांठ, खोल, भारतीय मान मोल, राष्ट्रगान गाते॥ देख संविधान रंग, रहते सब आज संग,रहे देशद्रोह तंग, देश छोड़ भागे।करे सभी देश गर्व, माने सब उच्च पर्व,पूजे गणतंत्र सर्व, राष्ट्र प्रेम जागे॥ मौलिक मिला … Read more