दाता जो देन करें
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* १२ मात्रा प्रति चरण… जीवन है इक नदिया, सुख-दु:ख दो तट इसके,नदिया के साथ रहें, पर अलग-अलग बहते। संसार सुनहरा है, जीवन प्रभु की रचना,नदियों से सृष्टि सजे,खूबी का क्या कहना। रे मन तू कर्म सजा, भगवान इशारा दें,बस देख ले सृष्टि को, तट पर ही घाट सजें। भवसागर … Read more