खामोश यादें
दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* आज सुरम्या को गए २ दिन हो गए। कभी सोचा नहीं था, वह अचानक चली जाएगी। वह जब तक थी, कभी उसकी तरफ विशेष ध्यान ही नहीं गया। बस है घर में तो है, उसमें विशेष ध्यान देने वाली क्या बात ?, यह मेरा सोचना था। मेहमान भी लगभग जा चुके थे। … Read more