आतंक का विनाश ही सुरक्षित ज़िंदगी
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* आतंक, विनाश और जिंदगी (पहलगाम हमला विशेष)… ‘आतंक…’, ‘आतंक…’, ‘आतंकी…’ यह शब्द हम कई वर्षों से सुनते चले आ रहे हैं। वर्षों से कहीं-न- कहीं आतंकवादी घटनाएं होती आ रही हैं। हम उन्हें सुनते हैं, उसकी खूब बातें करते हैं, फिर भूल भी जाते हैं। यह हम मनुष्यों की प्रकृति … Read more