कलयुग:समय नहीं, हमारी सोंच बदली

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* लोग अधिकतर यह कहते मिलते हैं कि, समय बहुत बदल गया, पर समय नहीं बदला। समय जैसा का तैसा है, दिन में २४ घंटे होते हैं, सूर्य पूर्व…

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बेहद स्पष्टवादी रहे

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’बीकानेर(राजस्थान)********************************************* लाल बहादुर शास्त्री जयंती विशेष... स्वाधीनता के अमृत-महोत्सव काल में शास्त्री जी की जिन्दगी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा…

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नजरिया बदलें, दूसरों से भी प्रेम करें

ललित गर्गदिल्ली************************************** प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवनपथ, कार्यक्षेत्र में सफलता के सपने संजोता है, पर, सबके सब सपने सच में नहीं बदलते। अथक परिश्रम के पश्चात भी यदि सफलता न मिले…

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बुजुर्गों के प्रति हो समुचित व्यवहार

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस (१अक्टूबर) विशेष... आजकल हमारे समाज में बुजुर्ग-सयाने लोगों की बहुत दयनीय स्थिति है। विशेष रूप से वो वृद्ध, जिनकी आमदनी का कोई जरिया नहीं रहता…

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कब तक पालेंगे साम्प्रदायिकता का रोग !

ललित गर्गदिल्ली************************************** कांग्रेस और उसके नेताओं ने लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव आने से पहले अपनी राजनीति चमकाने के लिए समाज को धर्म और जाति के नाम पर बांटने का…

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चुनाव:जनता अशिक्षित, लालची या असमंजस में!

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** जो अशिक्षित है वे 'लाचार' नहीं, बल्कि 'लालची' हैं। मतों के सौदागर चुनाव के दौरान उन्हें शराब बाँटते हैं, कम्बल बाँटते हैं, नकदी बाँटते हैं,जमीन बाँटते हैं…

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राष्ट्र के पुनरुत्थान में साहित्य की भूमिका

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** 'साहित्य का कर्तव्य ज्ञान देना ही नहीं है, परन्तु नया वातावरण देना भी है।' डाॅॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनराष्ट्र के पुनरुत्थान में साहित्य की भूमिका का…

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राजनीतिक शुचिता के लिए चुनावी चोट आवश्यक

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)******************************************* चिंतन... किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रधान-मुखिया की आस्था पर निर्भर करता है। मुखिया का प्रभाव जनता पर पड़ता है और जनता की भावनाएं मुखिया…

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आतंकवाद के कंधों पर चलती राजनीति और कनाडा की सरकार

डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** यह कोई नई बात नहीं कि, जब भारत सहित अनेक देशों में राजनीतिक दल और अनेक नेता अपनी सत्ता के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से…

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नारी का राजनीतिक जीवन भी अमृतमय बने

ललित गर्गदिल्ली************************************** भारतीय संसद के नए भवन के पहले सत्र का श्रीगणेश अनेक दृष्टियों से ऐतिहासिक, यादगार एवं अविस्मरणीय रहा। अनेक नए अध्याय एवं अमिट आलेख रचे गए, जिनमें सरकार…

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