आत्मा और परमात्मा का मिलन ‘योग’ फायदेकारी

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** ‘योग’ का अर्थ आत्मा और परमात्मा का मिलन है। जीव का ब्रह्म से मिलन है। योग कई प्रकार के होते हैं। अष्टांग योग में कसरत, ध्यान, साधना, समाधि आदि कई क्रियाऍं शामिल हैं। 🔹ध्यान क्यों आवश्यक है ?-ध्यान क्यों आवश्यक है ?, इसे अपने संस्मरण द्वारा ही बताना चाहूँगी। अगस्त १९९५ में … Read more

एक यात्रा अनंत की ओर

डॉ. मीना श्रीवास्तवठाणे (महाराष्ट्र)******************************************* कोहं से सोहं तक… आइए, ईश्वर की खोज में ‘नेति-नेति’ करने का प्रयास करें। मैं कोई दार्शनिक नहीं, पर ईश्वर के अस्तित्व को हमेशा ही स्वीकारा है। उसे ढूँढा कभी एक अनाम शक्ति के स्वरूप में, तो कभी किसी सुन्दर मूर्ति में, परन्तु सोचती रही-कहाँ है वह ईश्वर, मंदिरों में, सुन्दर … Read more

पिता:प्रेरणा, प्रकाश और पुत्र के व्यक्तित्व की सुघड़ता

ललित गर्ग दिल्ली************************************** उनकी साँसों से मेरी खुशियाँ (पिता दिवस विशेष)… पिता एक ऐसा शब्द, जिसके बिना किसी के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। एक ऐसा पवित्र रिश्ता, जिसकी तुलना किसी और से नहीं हो सकती। बचपन में जब कोई बच्चा चलना सीखता है, तो सबसे पहले अपने पिता की उंगली थामता … Read more

योग करता निरोग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (२१ जून) विशेष… “जो अपनाता योग को, रहता सदा निरोग।जीवन का आनंद ले, पाता जी-भर भोग॥”योग का उद्देश्य हमारे जीवन का समग्र विकास करना है। या इसे ऐसे कह सकते हैं कि, जीवन का सर्वांगीण विकास करना। सर्वांगीण विकास से तात्पर्य यहाँ शारीरिक, मानसिक, नैतिक, आध्यात्मिक व सामाजिक … Read more

ताकत व विश्वास का रिश्ता ‘पिता’

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ उनकी साँसों से मेरी खुशियाँ (पिता दिवस विशेष)… संघर्षों की आंधियों में हौंसलों की दीवार है पिता। जब हम हार जाते हैं, फिर कोई रास्ता नहीं दिखाई देता, तो ऐसे समय में मेरे लिए मेरे कन्धों पर जो हाथ होता है, वह पिता जी का ही होता है। वह गुस्से … Read more

वृद्धों की उपेक्षा सृसंस्कृत परिवार परम्परा पर काला दाग

ललित गर्ग दिल्ली************************************** विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (१५ जून) विशेष… देश ही नहीं, दुनिया में वृद्धों के साथ दुर्व्यवहार, प्रताड़ना, हिंसा बढ़ती जा रही है, जो जीवन को नरक बनाए हुए है। बच्चे अपने माता-पिता के साथ बिल्कुल नहीं रहना चाहते। यही पीड़ा वृद्धजन को पल-पल की घुटन, तनाव एवं उपेक्षा से निकलकर वृद्धाश्रम … Read more

छायादार वृक्ष लगाने की प्रतिज्ञा करें, तभी जीवन सुखमयी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* सब ‘धरा’ रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)… श्री गुरुदेव का कहना है कि, माता-पिता तो जन्म देते हैं, पालन- पोषण करते हैं, और सभी जानते हैं कि भात, रोटी, दूध, मलाई, घी, शक्कर, नमक, जल, मेवा, मिष्ठान, फल खाकर बड़े हो गए, लेकिन इस पालन-पोषण के भीतर एक और भी अद्भुत … Read more

संसद:अपराधी तत्वों की ताजपोशी, शुद्धिकरण हो

ललित गर्ग दिल्ली************************************** देश में १८वीं लोकसभा चुनी जा चुकी है, मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और बड़ी संख्या में मतदाता होने के गर्व करने वाली स्थितियाँ हैं, वहीं चिन्ताजनक, विचलित एवं परेशान करने वाली स्थितियाँ भी हैं। लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में पहुंचने वाले ५४३ सांसदों में … Read more

सब तबाह हो जाएगा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सब ‘धरा’ रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)… प्रदूषण एक वैश्विक चुनौती है, जो हमारे ग्रह और इसके निवासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती है। यह वायु, जल, मिट्टी, ध्वनि और प्रकाश प्रदूषण सहित विभिन्न रूपों में प्रकट होता है। प्रदूषण के परिणाम दूरगामी हैं, जो पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता … Read more

मिलकर प्रयास करें, तो जीवनदायिनी बनी रहेगी

डॉ. सुनीता श्रीवास्तवइंदौर (मध्यप्रदेश)*************************************** सब ‘धरा’ रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)…. हमारी धरती, हमारा अद्भुत ग्रह, अनमोल उपहारों से भरा हुआ है। इसके सुंदर पर्वत, घने जंगल, नीले समुद्र और विस्तृत मैदान न केवल हमारे जीवन का आधार हैं, बल्कि हमें असीम प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी प्रदान करते हैं, लेकिन आज हम जिस प्रकार … Read more