उतरी थी पटरी से रेल
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* उतरी थी कानून की, पटरी पर से रेल।गुंडे-लुच्चे मौज में, जनता नाक नकेल॥जनता नाक नकेल, जेल में थी मानवता।ऐसा रहा बिहार, तभी हारी दानवता॥खुली न्याय कानून, विकास सुशासन गठरी।कठिनाई से रेल, चढ़ी है पटरी उतरी॥ अब विकास पथ दौड़ने, का यह आया काल।देना जन न धकेल फिर, चल देगा पाताल॥चल देगा पाताल, … Read more