पहुँचे तोरण द्वार
डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* वर घोड़ी पर बैठकर, पहुँचे तोरण द्वार।दर पे तोरण मारकर, शुरू करे संस्कार॥ सज धज बैठी है वधू, मन में भर उत्साह।दूल्हा सज कब आयगा, होगा आज विवाह॥ दूल्हा घोड़ी पर चढ़े, संग चले बारात।बाराती सब नाचते, खुशी भरी है रात॥ दो हृदयों का मेल ही, होता सुभग विवाह।जीवन में … Read more