गूँज उठी है धरती

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* एक गूँज आ रही हैबर्फ से ढके उस पर्वत शिखर से,हरे-भरे वनों से घिरी उस पर्वत माला केगहरे रहस्यों को उजागर करती। एक गूँज उठी हैनिर्मल…

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जमीर मत बेचो

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जमीर,मत बेचोईश्वर की देन,होगा हिसाबसबका। निभाओ,सदा इंसानियतदेखता है रब,पाप-पुण्यखाता। चुनना,सेवा मार्गलोभ छोड़ दो,भला नहींलालच। वाणी,हो संयमितमिल जाएगी प्रतिष्ठा,यही साखपुण्य। बचना,बुराई सेसदा दुःखद अंजाम,यही अनुभवजीवन। सफलता,बड़ा मार्गसदा मिलती…

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मन को समझाऊँ कैसे

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** भक्ति मन में जगी,नव गीत गाऊँ कैसे ?भजन छूटा, सितार टूटा,मन को समझाऊँ कैसे ? भक्ति दिखाऊँ कैसे,फूलों की माला सजाऊँ कैसेवक्त फिसला मुट्ठी में रेत-सा,मन में…

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रिश्ते निभाते रहिए

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** ध्यान रखिए सदा औरों को बताते रहिए,रिश्ते हमदर्दी के सही, सबसे निभाते रहिए। भूखा सोया है अगर कोई जगाते रहिए,होगा सब ठीक, यही ख़्वाब दिखाते रहिए। क्या…

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रंग मांग के लाना

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* आया फागुन का मस्त महीना,होली खेले बच्चे, मरद, जनानाअरे भाई कोई तो दौड़ के जाना,फूलों से रंग मांग करके लाना।आया फागुन…. गुलाब से थोड़ा…

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रंज-तंज को भस्म कर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कहाँ शोध रचना नवल, विचलित हृदय अशान्त।मति विवेक खो क्रोध में, यायावर दिग्भ्रान्त॥ भागम-भागी जिंदगी, खोता सत्य ईमान।एक ठेस-सी क्या लगी, हुआ रंज इन्सान॥…

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दुनिया का दस्तूर

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** धन में अंधा हो रहा,घमंड में चकनाचूरभले-बुरे का ज्ञान नहीं,ज़ुल्म करें भरपूर। कैसे-कैसे रास रचाएं,नशे में हो रहा है चूरआँखों में शर्म नहीं है,जम्प करें जैसे लंगूर।…

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निभा करे हर धर्म

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* लगन-शील जो भावना, सजा सके वह कर्म।बुद्धि विवेकी हृदय से, निभा करे हर धर्म॥ मन मानवता से सजे, रहें त्याग के भाव।दया दृष्टि भगवान की,…

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मानव जीवन में

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** हर गृहस्थ की उसकी घरवाली,उसकी अपनी मुमताज हैदाम्पत्य जीवन के सुन्दर सौष्ठव में,जीवन अमृत का राज है। विकृत मानस की गर्त में डूबे,जो निर्बंधन ही जीना…

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रक्त की वह बूंद

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ रक्त की वह बूंद,जो वीर शिवाजी नेशिव शम्भू पर चढ़ाई थी,वह हम हिन्दुओं के स्वाभिमान को,जगाने की गवाही थी। भारत भूमि पर वीरों के वीर,…

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